शिमला: भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा व पंचायतीराज प्रकोष्ठ के संयोजक हीरानंद कश्यप ने कहा कि ग्रामीण विकास व पंचायतीराज मंत्री अनिल शर्मा 14वें वित्त आयोग के तहत जिला परिषदों और पंचायत समितियों को मिलने वाली धनराशि व पंचायत चुनावों को लेकर गलत बयानी करके जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों से तालमेल न होने की वजह से अनिल शर्मा अपना विभाग चलाने में असफल सिद्ध हो रहे हैं और अपनी इस नाकामी से ध्यान बंटाने के लिए भ्रामक बयानबाजी कर रहे हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि पूर्व में पंचायत चुनावो में अधिकतर जिला परिषदों और पंचायत समितियों में भाजपा समर्थित उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए हैं। राज्य सरकार किसी भी सूरत में इन प्रतिनिधियों को धन उपलब्ध नहीं करवाना चाहती, ताकि उस क्षेत्र के विकास का श्रेय भाजपा को न मिल पाए। ऐसे में 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों की सहायता लेकर पंचायतीराज मंत्री जनता को भ्रमित कर रहे हैं। जबकि 14वें वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट में (अध्याय 9 पैराग्राफ 9.72) में स्पष्ट किया है कि आयोग द्वारा सिफारिश किए गए अनुदान के वितरण सम्बन्धित राज्य वित्तायोग द्वारा निर्धारित सूत्र के उपयोग द्वारा किया जाएगा और मूल बंटवारा त्रिस्तरीय हिस्सेदारी में किया जाएगा। ऐसे में अगर राज्य सरकार जिला परिषदों और पंचायत समितियों को धन का प्रावधान नहीं कर रही है तो इसके लिए केवल राज्य सरकार दोषी है और 14वें वित्तायोग को दोषी ठहराना सरासर गलत है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि पंचायत चुनावों में आरक्षण रोस्टर के लिए होने वाले सॉफ्टवेयर को लेकर भी अनिल शर्मा लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने सरकार से मांग की है कि जनजातीय क्षेत्रों व सामान्य क्षेत्रों में पंचायत चुनाव एक साथ करवाए जाने चाहिए, क्योंकि पूर्व में भी लगभग इसी समय पंचायत चुनाव प्रदेश में एक साथ करवाए गए थे।