ऐतिहासिक रिज मैदान में "एचआईवी" जागरूकता समारोह 13 दिसम्बर को

वर्ष 2030 तक एचआईवी को समाप्त करने के लिए सभी को सामूहिक एवं ठोस प्रयास करने होंगेः स्वास्थ्य सचिव

शिमला: स्वास्थ्य सचिव एवं हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी के अध्यक्ष अमिताभ अवस्थी की अध्यक्षता में आज यहां सोसायटी द्वारा अन्तर विभागीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें एचआईवी गतिविधियों को मुख्यधारा से जोड़ते हुए वर्ष 2030 तक इस महामारी को समाप्त करने पर चर्चा की गई।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2030 तक एचआईवी को समाप्त करने के लिए सभी को सामूहिक एवं ठोस प्रयास करने होंगे। इसके लिए मौलिक विचारों के साथ आगे आना होगा और इच्छित परिणामों के लिए मिशन मोड में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि एचआईवी प्रभावित लोगों को पोषण सहायता उपलब्ध करवाने, कौशल विकास कर उन्हें स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने तथा एड्स प्रभावित बच्चों को गोद लेने जैसे विषयों पर विशेष परियोजना बनाई जानी चाहिए।

उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग को नौवीं से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में एचआईवी से सुरक्षा सम्बन्धी अध्याय शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किशोरों एवं युवाओं को एचआईवी से सम्बन्धित सही जानकारी उपलब्ध करवाना महत्वपूर्ण है और इसमें रैड रिबन क्लब अपनी अह्म भूमिका निभा सकते हैं। राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में 259 रैड रिबन क्लब हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश राज्य निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग को अपने अपने संस्थानों में रैड रिबन क्लब गठित करने और इनके माध्यम से जागरूकता गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य सचिव ने युवा सेवाएं एवं खेल विभाग को शैक्षणिक संस्थानों में युवा महोत्सवों के आयोजन के दौरान एचआईवी के प्रति जागरूकता लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों और संगठनों को निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों के आयोजन के दौरान एचआईवी सुरक्षा पर अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को अपने स्वास्थ्य परिसरों में एचआईवी जांच सुविधा स्थापित करने को भी कहा।

इस मिशन के सफलतापूर्वक संचालन के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवाएं अधिकारी रूपाली ठाकुर की अध्यक्षता में एक समिति का भी गठन किया गया। इस समिति में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और युवा सेवाएं एवं खेल विभाग से सदस्य शामिल किए जाएंगे।

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