कुल्लू के उपायुक्त कार्यालय के सामने राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के निर्णय के विरोध में प्रर्दशन

शिमला: आम आदमी पार्टी के बैनर तले हजारों महिलाओं ने थालियां और चमचे खडखडा कर कुल्लू के उपायुक्त कार्यालय के सामने राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के निर्णय के विरोध में जोरदार प्रर्दशन किया। इस प्रर्दशन का नेततृव मनाली कुल्लू के सयोंजको के इलावा राष्ट्रीय महिला प्रकोष्ठ की हिमाचल प्रभारी नेहा त्यागी ने किया। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोहतांग सोलगं नाला मढी और उसके आस-पास व्यापारिक और पर्यटन गति विधियों पर रोक लगा रखी है। जिससे मनाली और कुल्लू की जनता प्रभावित हुई है और न अपने रोजगार छिन जाने से बेहद खफा है।

आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में कुल्लू मनाली की हजारों की तादाद में आई महिलाओं ने बस स्टैन्ड से डी सी कार्यालय कुल्लू में थालियां बजाकर विरोध स्वरूप प्रर्दशन किया और उपायुक्त के द्वारा महामहिम प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।

प्रैस को जारी ब्यान में प्रदेश प्रवक्ता ई. सुभाष चन्द्र ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष सही ढंग से पक्ष नहीं रखा जिसके कारण हजारों की संख्या में स्थानीय लोग बेकार हो रहें है। जिसके कारण उनको भूखे मरने की नौबत आ गई है। राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोहतांग और आस पास के इलाके में घुड सवारी, स्नो बाईकिंग, पैरा ग्लनाडिंग, टायर टयूब खेल, स्नो स्कूटर स्कीग, फोटोग्राफिक गतिविधियों पर पूरी तरह प्रतिबन्ध लगा दिया है। जिसके कारण नौ गांवो बुखा, पलचान, कुलंग, रौर, सोलंग नाला, सोलंग, कोठी, नई कोठी और मचाचं की 90% जनसंख्या प्रभावित हुई है। ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा व्यापारिक एंव पर्यटनगतिविधियों पर रोक लगाने इन गावों के लोगों को बेरोजगारी का सामना उधर ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोहतांग के लिए वाहनों की आवाजाही की सीमा तय की है जिसके कारण प्रतिदिन डीजल चलित वाहनों की सीमा 400 और पेट्रौल से चलने वाले वाहनों की संख्या 600 निधार्रित करने से भी यहां के लोगो का काफी नुकसान हुआ है। राज्यपाल को दिए गए विज्ञापन में कहा गया है कि एन जी टी द्वारा पर्यटन गतिविधियों पर लगाई गई रोक के कारण यहां के 90% लोग बेरोजगार हो गए है। जबकि प्रदेश सरकार इन इलाकों में आधारभूत ढंचा उपलब्ध करवाने में एनजीटी के दिशा निर्देशों की पालना समय रहते न करने से ऐसी स्थित पैदा हो गई है।

ज्ञापन में आगे कहा है कि मनाली और उजी घाटी के समस्त लोग वर्षो से चल रही पर्यटन गतिविधियों से होने वाली आय पर पूरी तरह निर्भर है और उन्होने उपकरण आदि खरीदने के लिये लाखों रूपये कर्ज लिए जिसे चुकाना मुश्किल हो गया है। गत 26-27 सितम्बर को भी मनाली और उजी क्षेत्र के लोगों ने एसडीएम मनाली के द्वारा महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन दिया था परन्तु कहीं कोई सुनवाई नही हुई। आप पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि मनाली व उजी घाटी के लोगों ने महामहिम से तुरन्त कानून सम्मत हस्तक्षेप कर एन जी टी द्वारा प्रतिबन्ध को हटाने की गुहार की है।

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