भारत को एक ‘सॉफ्ट पावर’ के रूप में बढ़ावा देने को सरकार प्रतिबद्ध

  • गेमिंग एवं एनीमेशन के लिए एक उत्‍कृष्‍टता संस्‍थान की स्‍थापना करने के लिए सरकार की उद्योग के साथ गठबंधन करने की योजना कर्नल राठौर

नई दिल्ली : सूचना एवं प्रसारण राज्‍य मंत्री राज्‍यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि सरकार गेमिंग एवं एनीमेशन के लिए एक उत्‍कृष्‍टता संस्‍थान की स्‍थापना के लिए उद्योग को साझीदार बनाने की इच्‍छुक है। मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र, जहां युवा श्रमबल एक बल गुणक के रूप में काम करेगा, में कौशल संभावना को देखते हुए इस विचार पर चर्चा की जा रही है। राठौर ने आज नई दिल्‍ली में सीआईआई बिग पिक्‍चर समिट को संबोधित करते हुए कहा कि प्रस्‍तावित संयुक्‍त पहल मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में कंटेंट, कौशल एवं प्रौद्योगिकी के समन्‍वय के रूप में सामने आ सकती है।

सरकार द्वारा मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में उठाए गए विभिन्‍न कदमों के बारे में उन्‍होंने कहा कि एक ‘फिल्‍म शूटिंग गंतव्‍य’ के रूप में भारत की क्षमता नीतिगत क्षेत्र में एक सक्रिय पहल का हिस्‍सा है। मंत्रालय ऑस्‍कर एवं केन्‍स जैसे सम्‍मानित अंतर्राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों में भागीदारी के लिए उद्योग के साथ मिलकर भारतीय फिल्‍मों के वित्‍त पोषण पर विचार कर रहा है। माननीय प्रधानमंत्री के भारत को एक सॉफ्ट पावर क्षमता के रूप में प्रदर्शित करने के विजन को ध्‍यान में रखते हुए इस पर गौर किया जा रहा है। इस परिपेक्ष्‍य में मंत्रालय ने भारत में सभी फिल्‍म शूटिंग अनुमतियों के लिए एक एकल खिड़की संस्‍थान के रूप में एनएफडीसी की स्‍थापना का भी प्रस्‍ताव रखा। मंत्री महोदय ने सिनेमा की पहुंच बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे थियेटरों एवं चलते-फिरते थियेटरों के जरिए सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए उद्योग से ‘लीक से हटकर समाधान’ ढूंढने का आग्रह किया। उन्‍होंने उद्योग से दुनिया भर के समुदायों में भारत के सॉफ्ट पॉवर के महत्‍व को प्रदर्शित करने के लिए अभियानों एवं नेटवर्किंग में फिर से तेजी लाने का आग्रह किया।

अपने संबोधन में कर्नल राठौर ने जोर देकर कहा कि मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र की भविष्‍य की रूपरेखा प्रौद्योगिकी, सृजनशीलता एवं अधिकतम उपयोग के लिए संसाधनों के दोहन के विजन पर निर्भर करती है। सम-सामयिक मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र को ध्‍यान में रखते हुए सरकार की नीति में इसे शामिल किया जाएगा। मंत्रालय के कुछ कदमों का जिक्र करते हुए कर्नल राठौर ने पारदर्शी प्रक्रिया के आलोक में एफएम के तीसरे चरण की बोली की सफलता, डिजिटाइजेशन में तेजी लाने के लिए किये जा रहे प्रयासों और सरकारी पहलों में अधिक मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया एवं डिजिटल विज्ञापनों पर सरकार के जोर की बात दोहराई। कर्नल राठौर ने मीडिया से जुड़े लोगों को उच्‍च श्रेणी का प्रशिक्षण मुहैया कराने की जरूरत पर भी बल दिया, जिससे कि इस क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों को ध्‍यान में रखते हुए अच्‍छी गुणवत्‍ता के कौशल एवं कंटेंट सुनिश्चित किए जा सकते हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में विशेष सचिव जे.एस. माथुर ने समिट को संबोधित करते हुए कहा कि मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र परिदृश्‍य परिवर्तनकारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है और यह सभी संबंधित हितधारकों के लिए एक चुनौती है। माथुर ने जोर देकर कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए एक सक्षमकारी वातावरण प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी इस क्षेत्र की कंपनियों, खासकर कंटेंट डेवलपरों और क्रिएटर्स के लिए बेहतर अवसर प्रदान कर रही है।

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