नौणी: महिला अचीवर्स को किया सम्मानित

सोलन: डॉ .यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय,नौणी में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर विवि के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की जबकि एम॰ आर॰ ए॰ डीएवी स्कूल सोलन की प्रिंसिपल मासूमा सिंघा विशिष्ट अतिथि रहीं।

पीठासीन अधिकारी डॉ सुनीता चंदेल ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और महिला दिवस की प्रासंगिकता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एक स्थायी कल के लिए लैंगिक समानता’ है। गेस्ट ऑफ ऑनर मासूमा सिंघा ने ‘समाज में लैंगिक समानता’ विषय पर लेक्चर दिया। अपनी सम्बोधन में उन्होंने महिला दिवस को हर रोज मनाने और इसे विशेष दिन तक सीमित न रखने पर जोर दिया। उन्होंने लैंगिक समानता के लक्ष्य को साकार करने में शिक्षा की भूमिका के बारे में भी बताया।

डॉ. परविंदर कौशल ने महिलाओं की भूमिका की सराहना की और हर क्षेत्र में उनकी बढ़ती उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय महिलाओं द्वारा की गई प्रगति का एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के 60 प्रतिशत से अधिक छात्र लड़कियां हैं और यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है। डॉ कौशल ने छात्रों से जेंडर चैंपियन बनने और सभी को समान अवसर प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया ताकि देश अपनी पूर्ण क्षमता का एहसास कर सके।

विश्वविद्यालय ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं-मासूमा सिंघा, महिला कांस्टेबल अनुपमा, बिमला देवी और सरिता देवी को सम्मानित किया। यूजीसी के जेंडर चैंपियन प्रोग्राम के तहत लैंगिक समानता पर एक ई-पत्रिका का भी इस अवसर पर विमोचन किया गया। जेंडर चैंपियन प्रोग्राम वर्ष 2020 में विश्वविद्यालय में शुरू किया गया था। जेंडर चैंपियन को जिम्मेदार लीडर के रूप में परिकल्पित किया गया है जो अपने शैक्षणिक संस्थानों के भीतर एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए कार्य करेगें।

इस ई-पत्रिका में छात्रों के कार्य को प्रदर्शित किया गया है। कविताओं, नाटक, निबंधों, चित्रों आदि के माध्यम से छात्रों ने लैंगिक समानता और जागरूकता की वकालत की है। मुख्य अतिथि ने इस कार्यक्रम के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कार जीतने वाले 39 छात्रों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के छात्रों की प्रतिभा ने सभी का दिल जीत लिया। प्रतिभागियों ने अपने गीतों, कविताओं और नाटक के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता का संदेश दिया।

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