2000 टन अरहर दाल और 1000 टन उडद दाल का और आयात

  • आयातित अरहर दाल केन्‍द्रीय भंडार और सफल पर 120 रुपये प्रति किलोग्राम उपलब्‍ध
  • सरकार ने एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक में दालों की उपलब्‍धता की समीक्षा की

 

नई दिल्ली: कैबिनेट सचिव ने एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक में उपभोक्‍ता मामले, कृषि, वाणिज्‍य मंत्रालय के सचिवों एवं अन्‍य लोगों के साथ तथा सभी राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस में दालों के उत्‍पादन, खरीद, उपलब्‍धता एवं मूल्‍यों के बारे में समीक्षा की। उन्‍होंने स्‍टॉक सीमा लगाए जाने तथा राज्‍यों द्वारा इसे लागू करने संबंधी कदम उठाए जाने की भी समीक्षा की। उन्‍होंने विशेष रूप से सरकार द्वारा आयात से प्राप्‍त, निर्यातकों, बड़ी खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों तथा बड़े विभागीय रिटेलरों के भंडारों पर स्‍टॉक सीमा लगाने में उन्‍हें सक्षम बनाने के लिए सरकार द्वारा जारी संशोधन की ओर भी उनका ध्‍यान आकृष्‍ट कराया। राज्‍यों को औचक निरीक्षण करने तथा दालों की कालाबाजारी करने से रोकने के लिए छापे मारने के लिए भी प्रोत्‍साहित किया गया। उन्‍होंने दालों की आवश्‍यकता तथा राज्‍य सरकारों द्वारा आयातित दालों के उठाव की भी समीक्षा की।

कैबिनेट सचिव ने निर्देश दिया कि दिल्‍ली में केन्‍द्रीय भंडार और सफल के सभी 400 विक्रेय केन्‍द्रों को तत्‍काल आयातित अरहर दाल का वितरण प्रारंभ कर देना चाहिए। 100 से अधिक केन्‍द्रीय भंडार और सफल विक्रेय केन्‍द्रों ने पहले ही 120 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर आयातित अरहर दाल का वितरण प्रारंभ कर दिया है।

कैबिनेट सचिव ने राज्‍य सरकारों को खरीद के जरिए दालों के एक बफर स्‍टॉक का सृजन करने के फैसले की जानकारी दी और निर्देश दिया कि सभी राज्‍य सरकारों को नवम्‍बर, 2015 से प्रांरभ होने वाले खरीफ मौसम में खरीद के लिए अपनी तैयार कर लेनी चाहिए।

यह फैसला भी किया गया है कि सरकार 2000 टन अरहर दाल और 1000 टन उडद दाल का और आयात करेगी और इसके लिए एमएमटीसी द्वारा तत्‍काल टेंडर जारी कर दिए जाएंगे।

 

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