लाहौल-स्पीति: किब्बर गांव में स्नो फेस्टिवल आयोजित

एसडीएम गुजींत सिंह चीमा ने की बतौर मुख्यातिथि शिरकत

पर्यटकों लोकगीतों पर जमकर थिरके

लाहौल-स्पीति: स्नो फेस्टिवल के तहत स्पीति घाटी के तोद जोन का कार्यक्रम किब्बर गांव में हुआ है। इसमें बतौर मुख्यातिथि एसडीएम गुजींत सिंह चीमा मौजूद रहे। पारम्परिक वस्त्र में मुख्यातिथि का स्वागत किया और फिर याक की सवारी करते हुए सभा स्थल तक लाया गया। यहां पर पारम्परिक बर्तन, जन जीवन से जुड़ी चीजों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। वहीं बर्फ से स्तूपा की कलाकृति बनाई गई थी इसके साथ ही बर्फ टेबल भी बनाए गए थे जोकि आकर्षण का केंद्र रहा। मुख्यातिथि गुजींत सिंह चीमा ने प्रदर्शनी का निरीक्षण किया और स्पीति की संस्कृति के बारे जानकारी एकत्रित की। स्नो फेस्टिवल में किब्बर के देवता को आमंत्रित किया गया था। वहीं लामागणों ने विशेष पूजा अर्चना की। स्नो फेस्टिवल में कई रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। किब्बर गांव की महिलाओं ने टशी नृत्य पेश करके खूब समा बंधा। वहीं किब्बर गांव के पुरूषों खर नृत्य पेश किया। महिला मंडल कीह गांव की महिलाओं ने लोक नृत्य प्रस्तुत किया। लोसर गांव के युवकों ने याक नृत्य पेश कर खूब दर्शकों को हंसाया। वहीं डेकर जोकि स्थानीय भाषा में नाटक होता है। उसे लोसर गांव के युवकों ने पेश किया। किब्बर में दांचग भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया। गांव के सभी बच्चों और पुरूषों दांचग में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसडीएम गुजींत सिंह चीमा ने कहा कि स्नो फेस्टिवल का आयोजन जिस जिंदादिली से यहां पर हो रहा है। वे काबिले तारीफ है। इससे पर्यटन को काफी प्रचार प्रसार मिल रहा है। आज यहां पर काफी पर्यटक इस फेस्टिवल का हिस्सा बनें है। फेस्टिवल में प्रदर्शनी देकर काफी अच्छा महसूस हुआ कि आज भी कई दशकों पुरानी चीजों को सेहज कर रखा है और नई पीढ़ी इन चीजों के बारे जानकारी ले रही है। स्पीति के विकास को संस्कृति को सहेजने की दृष्टि से आगे बढ़ाया जाएगा। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। इस मौके पर एक्सइन जल शक्ति विभाग मनोज नेगी सहित किब्बर पंचायत प्रधान, महिला मंडल व स्थानीय लोग मौजूद रहे।

जमकर थिरके पर्यटक

किब्बर में आयोजित स्नो फेस्टिवल में भारी तादाद में पर्यटकों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया । इसके दो दंपति विदेशी यहां मौजूद रहे। पर्यटक जमकर लोकगीतों पर थिरके और आंनद लिया। टशी और खर नृत्य में स्थानीय लोगों ने पर्यटकों को खूब नचाया।

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