गिनीज की दहलीज पर कुल्लवी नाटी

गिनीज की दहलीज पर कुल्लवी नाटी

सभी प्रतिभागियों की गिनती तथा पूरे नृत्य की वीडियो रिकार्डिंग तथा फोटोग्राफी के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश जारी

सभी प्रतिभागियों की गिनती तथा पूरे नृत्य की वीडियो रिकार्डिंग तथा फोटोग्राफी के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश जारी

शिमला: रूपरेखा, विस्तृत कार्य योजना, प्रवेश करने तथा बाहर आने के रास्ते, सभी प्रतिभागियों

कुल्लू दशहरा में आयोजित होने वाले लोक नृत्य ‘‘प्राईड ऑफ कुल्लू’’ के सभी प्रबन्धों को मान्यता

कुल्लू दशहरा में आयोजित होने वाले लोक नृत्य ‘‘प्राईड ऑफ कुल्लू’’ के सभी प्रबन्धों को मान्यता

की गिनती तथा पूरे नृत्य की वीडियो रिकार्डिंग तथा फोटोग्राफी के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये हैं। हर प्रतिभागी को एक बार कोडिड उपायुक्त राकेश कंवर ने बताया कि गिनिज़ बुक ऑफ वल्ड रिकार्ड के लन्दन कार्यालय ने कुल्लू दशहरा में आयोजित होने वाले लोक नृत्य ‘‘प्राईड ऑफ कुल्लू’’ के सभी प्रबन्धों को मान्यता दे दी है। अब कुल्लू नाटी का दुनियां के सबसे बड़े लोक नृत्य के रूप में विश्व कीर्तिमान बनाने का रास्ता पूर्णतया साफ़ हो गया है।

यह लोक नृत्य 26 अक्तुबर को रथ मैदान में आयोजित किया जायेगा और इसमें 13000 से अधिक महिलाएं और पुरूष भाग लेंगे। सभी प्रतिभागी ‘‘बेटी है अनमोल’’ प्रतिज्ञा को दोहरायेंगे और बेटा-बेटी की बराबरी के लिए सतत् प्रयास करने का संकल्प लेंगे। इस विश्व कीर्तिमान बनने से न केवल कुल्लू का लोक नृत्य, बल्कि लोक संगीत, परम्परागत वेशभूषा तथा आभूषण भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायेंगे।

गिनीज़ बुक ऑफ बल्र्ड रिकार्ड के नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करने के बहुत सख्त नियम है जिन्हें पूर्ण करना आवश्यक है। उन्होंने ज़िला प्रशासन से पूरे मैदान की टिकट दिया जायेगा जिस के सहारे वह रथ मैदान में प्रवेश कर सकेगा। इस सारी प्रक्रिया को एक

 पूरे नृत्य को रिकार्ड करने के लिए 20 से अधिक कैमरे

पूरे नृत्य को रिकार्ड करने के लिए 20 से अधिक कैमरे

आकाश से फोटो खींचने वाले ड्रोन कैमरे किये जायेगे तैनात

आकाश से फोटो खींचने वाले ड्रोन कैमरे  किये जायेगे तैनात

साफ्टवेयर के ज़रिये रिकार्ड किया जायेगा जिससे की सही संख्या का पता चल

सके। इसी के साथ एक स्वतन्त्र एवम् अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की ऑडिट फर्म कपीएमजी के द्वारा इस नृत्य का आकलन करके गिनीज बुक आफ रिकाड्र्स को रिपोर्ट सौंपी जायेगी। इस पूरे नृत्य को रिकार्ड करने के लिए 20 से अधिक कैमरे जिसमें आकाश से फोटो खींचने वाले ड्रोन कैमरे भी तैनात किये जायेगे। 350 सटीवर्ड और 200 से अधिक स्वयंसेवक, 200 से अधिक वालन्टियर लड़के लड़कियां इस पूरे आयोजन में सहयोग देंगे। पिछले दिनों ज़िला दशहरा समिति ने ‘‘प्राईड आफ कुल्लू’’ का एक प्रतीक चिन्ह भी ज़ारी किया था जिस पर आधारित रोज़मर्रा इस्तेमाल की कई वस्तुएं जैसे चाय/काफ़ी के मग, फ्रिज के लिये मेगनेट, बच्चों की कापी और किताबों के लिए स्टीकर तथा टी शर्ट आदि दशहरे के दौरान बिक्री के लिये उपलब्ध होंगे। इन सभी की अग्रिम बुकिंग भी शुरू हो गई है। 60 से अधिक बसें 120 रूटों से प्रतिभागियों को लाने ले जाने की मुफ्त सेवा देंगी। मैजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी, पुलिस लेडी आरक्षी, होमगार्ड तथा अन्य सुरक्षा कर्मी लगाये जायेगे।

उपायुक्त, कुल्लू ने आईसीडीएस कार्यक्रम के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और विशेष रूप से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, साहिकाओं तथा स्कूल के अध्यापकों और बच्चों का धन्यवाद किया है जिनके निरन्तर सहयोग से यह आयोजन सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

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