प्रदेश वक्फ बोर्ड अल्पसंख्यकों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रयासरत

शिमला: गरीब, कमजोर और आम आदमी का आर्थिक और सामाजिक विकास सरकार के नीति नियोजन का केंद्र बिंदु रहा है। इसी के दृष्टिगत विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाएं और कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं तैयार की गई हैं और उन्हें चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यूनुस ने बताया कि समाज के अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के संतुलित विकास के लिए बोर्ड द्वारा विस्तृत योजना तैयार कर पात्र लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। वक्फ बोर्ड द्वारा मस्जिदों, पुस्तकालयों (मकतब) आदि के बिजली व पानी के बिलों की अदायगी और हुजरा के लिए समयबद्ध रूप से मासिक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ-साथ बोर्ड द्वारा मस्जिदों के जीर्णोद्धार के लिए भी अनुदान दिया जा रहा है और मस्जिदों में कार्यरत इमाम के कल्याण हेतु उन्हें ब्याज रहित ऋण भी प्रदान किया जा रहा है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा संचालित मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए भी बोर्ड द्वारा कदम उठाए गए हैं। बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि कुठाड़ (नेरवा) स्थित मदरसा को दो कम्प्यूटर प्रदान किए जाएंगे और कम्प्यूटर प्रशिक्षक के लिए प्रदान की जाने वाली मासिक अनुदान राशि को 2500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रूपये किया जाए। बोर्ड ने गरीब अल्पसंख्यकों जो कि बीपीएल, आइआरडीपी, अंतयोदय परिवारों से संबंध रखते हैं, उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। इसके साथ-साथ दसवीं कक्षा में 60 फीसदी से अधिक अंक पाने वाले या सीजीपीए ग्रेड के बराबर अंक पाने वाले बीपीएल/आइआरडीपी/अंतयोदय मुस्लिम छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

यूनुस ने बताया कि वक्फ बोर्ड द्वारा 52 विधवाओं, वृद्धों/अपंग और निर्धन महिलाओं को पेंशन प्रदान की जा रही है। बीपीएल, आइआरडीपी परिवारों से संबंधित मुस्लिम कन्याओं को उनके विवाह के लिए भी सहायता प्रदान की जा रही है। वक्फ बोर्ड के सुदृढ़ीकरण के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत, वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने के साथ-साथ वक्फ बोर्ड कार्यालय का कम्प्यूटराईजे़शन कार्य भी सुनिश्चित किया जा रहा है। वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वक्फ बोर्ड के लेखा का ऑडिट करने की व्यवस्था की गई है। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अनाधिकृत रूप से कब्जा करने वाले कब्जाधारियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।

उन्होंने कहा कि बाल लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए प्रदेशभर में कई सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए वक्फ बोर्ड ने ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ योजना शुरू की है। योजना के तहत चयनित मुस्लिम कन्या की शिक्षा, प्रशासनिक सेवाओं हेतु कोचिंग, तकनीकी व चिकित्सा शिक्षा के लिए 10 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

वक्फ बोर्ड द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई विभिन्न योजनाओं का लाभ आम आदमी को सुनिश्चित किया जाए, ताकि देश और प्रदेश के विकास को और आगे बढ़ाया जा सके।

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