- एसजेवीएन ने भारत सरकार को अदा किया 280 करोड़ रुपए का लाभांश
- यह अब तक की सबसे अधिक लाभांश अदायगी
- वित्तीय वर्ष 2014-15 एसजेवीएन के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष : आर.एन.मिश्र
शिमला : एसजेवीएन लिमिटेड ने वर्ष 2014-15 के वार्षिक वित्तीय निष्पादन के लिए कंपनी की 64.5% इक्विटी धारक भारत सरकार को 280 करोड़ रुपए का लाभांश अदा किया है। एसजेवीएन ने वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए कुल 434.35 करोड़ रुपए का लाभांश घोषित किया है जो अब तक की सबसे अधिक लाभांश अदायगी है। अंतरिम लाभांश के रूप में भारत सरकार को 168 करोड़ रुपए की अदायगी पहले ही कर दी गई है तथा अंतिम लाभांश के रूप में शेष 112 करोड़ रुपए की राशि का चेक अब जारी किया गया है। गत वर्ष एसजेवीएन ने 405.39 करोड़ रुपए का कुल लाभांश अदा किया था।
एसजेवीएन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर.एन.मिश्र द्वारा नई दिल्ली में विद्युत मंत्रालय के केन्द्रीय राज्य मंत्री पीयूष गोयल को लाभांश का चेक भेंट किया गया। लाभांश के चेक को पी.के.पुजारी, सचिव (विद्युत) तथा विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में भेंट किया गया। इस अवसर पर ए.एस.बिन्द्रा, निदेशक (वित्त), आर.के.बंसल, निदेशक (विद्युत) तथा एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
विद्युत मंत्रालय के केन्द्रीय राज्य मंत्री को चेक भेंट करते हुए आर.एन.मिश्र ने उन्हें बताया कि एसजेवीएन के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। इस वर्ष में एसजेवीएन ने हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट की रामपुर जलविद्युत परियोजना की सभी छः उत्पादन इकाईयों तथा महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना की सभी 56 इकाईयों की कमीशनिंग के साथ उत्पादन क्षमता में वृद्धि की है। मिश्र ने यह भी बताया कि एसजेवीएन की 412 मेगावाट की रामपुर जलविद्युत परियोजना की यूनिट-5 तथा यूनिट-2 को वर्ष 2013-14 के लिए भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा ”जल विद्युत परियोजनाएं शीघ्र पूरा करने” की श्रेणी में क्रमशः ”गोल्ड शील्ड” तथा ”सिल्वर शील्ड” से पुरस्कृत किया गया है, जो हमारी कंपनी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने यह भी बताया कि एसजेवीएन लिमिटेड ने गत वित्तीय वर्ष के दौरान 1114.63 करोड़ रुपए की तुलना में इस वर्ष 1676.75 करोड़ रुपए का कर पश्चात लाभ (पीएटी) दर्ज किया है, जो गत वर्ष से 50.43% अधिक है।
वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान एसजेवीएन को ”सर्वोत्तम” रेटिंग के तहत 7920 मिलियन यूनिट के विद्युत उत्पादन का लक्ष्य था जबकि 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन, 412 मेगावाट के रामपुर जलविद्युत स्टेशन तथा 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना से कुल 8136 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन किया गया ।