प्रदेश सरकार पेंशनरों की समस्याओं के प्रति गम्भीर

  • पेंशनरों के लिए संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
  • चिकित्सा बिलों की अदायगी के लिए 40 करोड़ रुपये की राशि जारी : पी. मित्रा

शिमला: पेंशनरों की विभिन्न मांगों पर चर्चा करने के लिए राज्य सरकार के पेंशनरों की संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक आज यहां मुख्य सचिव पी. मित्रा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार पेंशनरों की समस्याओं के प्रति गम्भीर है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा बिलों की अदायगी के लिए 40 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। इसके अतिरिक्त, सेवानिवृत कर्मचारियों के लम्बित चिकित्सा बिलों का भुगतान करने के लिए विभिन्न विभागों 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारियों के चिकित्सा बिलों के भुगतान को धन की कोई कमी नहीं है। पी. मित्रा ने कहा कि जहां तक फिक्सड़ चिकित्सा भत्ते को खुले चिकित्सा भत्ते के विकल्प में परिवर्तित करने का मामला है, गम्भीर बिमारियों में चिकित्सा विशेषज्ञ प्रमाण पत्र के आधार पर व्यक्तिगत मामलों में इस तरह के परिवर्तन के लिए सरकार ने पहले ही वर्ष 1996 में निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुनः दोहराए जाएंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि पेंशनरों/विधिक उत्तराधिकारियों के आवेदनों व प्रतिवेदनों पर समयबद्ध विचार करने के लिए विभागों को नए सिरे से उपयुक्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। फिक्सड चिकित्सा भत्ते से खुले चिकित्सा भत्ते के विकल्प के मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि वर्ष 2012 में चिकित्सा भत्ता 100 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये किया गया था, उस दौरान पेंशनरों को खुला चिकित्सा विकल्प से फिक्सड़ चिकित्सा भत्ता विकल्प की सुविधा प्रदान की गई थी। बैठक में विभिन्न संगठनों के 76 सेवानिवृत पेंशनरों एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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