शिमला: राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज यहां राजभवन में आयोजित बधाई समारोह में लॉस एंजल्स में आयोजित विश्व ग्रीष्मकाल विशेष ऑलोम्पिक-2015 के पदक विजेता 6 विशेष बच्चों को सम्मानित किया। इस समारोह का आयोजन विशेष ऑलोम्पिक भारत के हिमाचल चैप्टर द्वारा किया गया था।
राज्यपाल ने पदक विजेता बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि हर व्यक्ति में कोई न कोई हुनर होता है और इस क्षमता का समुचित दोहन करके हम जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं। विशेष बच्चे दूसरों के लिए प्रेरणा है, जिन्होंने अपने दृढ़ निश्चय एवं कड़ी मेहनत से चुनौतियों का सामना करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
राज्यपाल ने कहा कि समाज को इन बच्चों के प्रति सहयोगात्मक दृष्टिकोण विकसित कर इन्हें उन्नति के समान अवसर दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज तभी विकसित होगा, जब हम विशेष बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करेंगे। इन बच्चों के समग्र विकास के लिए इनकी छिपी हुई क्षमता, संवेदनाओं एवं विचारों को जानने तथा समुचित देखभाल करने की आवश्यकता है। आचार्य देवव्रत ने कहा कि बच्चे देश की सम्पत्ति हैं और युवाओं में उच्च मूल्य, अनुशासन एवं सही सोच राष्ट्र के विकास के लिए अति-आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बच्चों में छिपी हुई प्रतिभा का आरम्भिक अवस्था में ही दोहन किया जाना चाहिए तथा उन्हें क्षमता अनुसार प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वह विशेष कौशल और ज्ञान में महारत हासिल कर सकें।
राज्यपाल ने आपसी सौहार्द एवं भाई-चारे की भावना को मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिक को जरूरतमंदों एवं समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सहयोगात्मक रवैया अपनाना चाहिए ताकि विश्व एक परिवार बन सके। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध संस्कृति ऐसी स्वस्थ परम्पराओं से ओत-प्रोत है और हमें इसका अनुसरण करना चाहिए।
आचार्य देवव्रत ने एथेलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने के लिए ऊना की विशाखा और टेबल टेनिस में चम्बा की सलोचना को सम्मानित किया। उन्होंने ऊना की पलक भारद्वाज, बिलासपुर के राकेश कुमार और कांगड़ा के कृष्ण कुमार, जिन्होंने रोलर स्केटिंग और हैंडबाल में क्रमशः दो स्वर्ण एवं एक रजत पदक हासिल किए, को भी सम्मानित किया। मण्डी के राहुल को फुटबाल में पांचवा स्थान हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया।
राज्यपाल ने कोच निर्मल चौहान, प्रशांत भसीन, आनन्द कुमार और खेल निदेशक रश्मिधर सूद को भी सम्मानित किया। विशेष ऑलोम्पिक भारत की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मलिका नड्डा ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा संगठन की गतिविधियों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि देश के विशेष बच्चों ने कुल 247 मेडल जीते, जिनमें 61 स्वर्ण, 65 रजत और 121 कांस्य पदक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल से विश्व ग्रीष्म विशेष ऑलोम्पिक-2015 में 6 बच्चों ने पदक जीते हैं। उन्होंने कहा कि विशेष बच्चों को अपनी प्रतिभा को उजागर करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय संस्था एक उपयुक्त मंच उपलब्ध करवा रही है और इसके साथ 173 देश सम्बद्ध हैं। उन्होंने कहा कि विशेष ऑलोम्पिक भारत हिमाचल चैपटर ने शीतकालीन खेलों में भाग लेने के लिए बच्चों को प्रशिक्षित करने की पहल की है और आस्ट्रिया में 2017 में आयोजित होने वाली विश्व शीतकालीन खेलों की तैयारियां की जा रही हैं।
राज्यपाल के सचिव पुष्पेन्द्र राजपूत, विशेष ऑलम्पिक भारत के क्षेत्रीय निदेशक परीक्षित महदुदिया, विशेष ऑलोम्पिक भारत के प्रतिनिधि, पदक विजेता और कोच भी इस अवसर पर उपस्थित थे।