एसएफआई ने छात्र मांगों को लेकर कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन को सौंपा ज्ञापन

शिमला:  एसएफआई विश्विद्यालय इकाई ने छात्र मांगों को लेकर आज कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन को ज्ञापन सौंपा। पिछले डेढ़ महीने से विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूजी और पीजी के छात्रों के लिए एग्जामिनेशन फॉर्म भरने के लिए पोर्टल खोला है लेकिन इतना लंबा समय होने के बाद भी छात्र अपने एग्जामिनेशन फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं।  कभी आरएमई के नाम पर तो कभी साइट में प्रॉब्लम के नाम पर विश्वविद्यालय में जो छात्र अपनी समस्या को लेकर आते हैं उन्हें इन तरीकों से वापस भेजा जाता है। एसएफआई ने कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन से यह मांग की है कि यूजी और पीजी के एग्जाम फॉर्म में जो समस्याएं आ रही है उन्हें जल्द से जल्द ठीक किया जाए और जब तक सभी छात्र अपने एग्जाम फॉर्म नहीं भर लेते तब तक एग्जामिनेशन पोर्टल को ओपन रख फॉर्म भरने की डेट को एक्सटेंड किया जाए।

विश्वविद्यालय के अंदर आए दिन पूरे प्रदेश भर से छात्र विश्वविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक में अपनी समस्याएं लेकर आते हैं और उस छात्र की समस्या दूर होते होते 10 से 12 दिन आमतौर पर लग जाते है कभी साइट मेंटेनेंस मोड़ पर होती है तो साइट में प्रॉब्लम के कारण वो चलती नहीं है और विश्वविद्यालय आने वाला हर दूसरा छात्र इन्हीं समस्याओं से जूझता है। इसका पहला और आखरी कारण है ईआरपी सिस्टम जो विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय के अंदर ला तो दिया लेकिन इसको किस तरीके से सेटअप किया जाना चाहिए था इस पर शायद विश्वविद्यालय प्रशासन चर्चा करना भूल गया। यह एक ऐसा सिस्टम है जिसका मुख्यालय दिल्ली के अंदर है और अगर यहां कोई समस्या होती है तो उस समस्या को पहले दिल्ली भेजना पड़ेगा उसके बाद दिल्ली से इसका समाधान बताया जाएगा । इससे भी बड़ी बात तो यह है कि विश्वविद्यालय के अंदर पूरे स्टाफ को अभी भी इस ईआरपी सिस्टम का उपयोग करना नहीं आता है । इस सिस्टम की वजह से छात्र मानसिक , शारीरिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने रूसा सिस्टम के समय जो गलती की थी वही गलती फिर से ईआरपी सिस्टम के द्वारा कर रहा है और इन समस्याओं की वजह से छात्र तो छात्र विश्वविद्यालय के कर्मचारी को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एसएफआई ने प्रशासन से यह मांग की कि या तो इस सिस्टम को जल्द से जल्द सुदृढ़ किया जाए या फिर इस ईआरपी सिस्टम को उखाड़ फैंका जाए और इसके साथ साथ यूजी के छात्रों के लिए एग्जामिनेशन फॉर्म न भरने पर जो 20,000रुपए का शुल्क छात्र से लेट फीस के नाम पर लिया जा रहा है वह बहुत अधिक है जिससे छात्र के जीवन पर आर्थिक बोझ और बढ़ रहा है।

कैंपस सचिव साथी विवेक राज ने यह भी बताया कि उन्होंने कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन से यह भी मांग की है कि पीजी के जितने भी पेंडिंग रिजल्ट्स है उन्हें जल्द घोषित किया जाए। पीजी की परीक्षाएं कराए हुए लगभग छह-सात महीने हो गए हैं और कुछ समय के बाद अगले सेमेस्टर की परीक्षाएं भी शुरू हो जाएगी लेकिन हर बार की तरह विश्वविद्यालय प्रशासन का रिजल्ट्स को लेकर ये ढीला रवैया रहता है । विश्विद्यालय प्रशासन अपने इस ढीले रवैया में जल्द सुधार करें और सभी परीक्षा परिणामों को पूर्ण तरीके से घोषित करें।

एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द इन मांगों को सुलझाया नहीं गया तो आने वाले समय के अंदर विश्वविद्यालय के अंदर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी और ये स्टूडेंट्स फैडरेशन ऑफ इंडिया छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी।

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