- सामाजिक अभियानों में महिलाओं की भागीदारी पर दिया बल
मंडी: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज मण्डी में ‘मण्डी विकास अभियान’ का शुभारम्भ किया। यह अभियान महिलाओं के सुदृढ़ीकरण एवं सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम के अतिरिक्त, सामाजिक कुरीतियों और विशेषकर लड़कियों की अनिवार्य शिक्षा सहित लोगों को आपदाओं से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने जैसे जन जागरूकता अभियानों में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करना है। ‘मण्डी विकास अभियान’ एक ऐसा अभियान है, जिसमें मेरी लाडली, आपदा प्रबन्धन और वित्तीय साक्षरता जैसे घटकों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री आज मण्डी के भयूली स्थित विपाशा सदन में अन्तरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाने के लिए आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। समारोह में ग्रामीण महिला स्वच्छता कार्यक्रम के अन्तर्गत मण्डी जिले के 588 महिला मण्डलों ने भाग लिया।
इस अवसर पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि ‘मेरी लाडली और सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान’ जैसे कार्यक्रम प्रदेश भर में आरम्भ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियानों की सफलता महिलाओं पर निर्भर करती है और उनकी भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के सीमांत क्षेत्रों में लिंग अनुपात काफी कम है। इन क्षेत्रों में निगरानी के लिए महिलाएं प्रभावशाली भूमिका निभा सकती हैं।
वीरभद्र सिंह ने जिले में लिंग अनुपात में बढ़ रही असमानता पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन के मेरी लाडली कार्यक्रम की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य लड़कियों को बचाना और लड़कियों के प्रति समाज की सोच में व्यवहारिक बदलाव लाना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मेरी लाडली कार्यक्रम लड़कियों के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण का सृजन करेगा। उन्होंने मेरी लाडली अभियान के अन्तर्गत नवजात बच्चियों के अभिभावकों को भी सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं समाज में क्रांति ला सकती हैं और उम्मीद जाहिर की कि ऐसा दिन आएगा, जब हमारे राज्य में कोई भी अवैध गर्भपात नहीं होगा और समाज में लड़के को लेकर जो सोच है, उसमें निश्चित तौर पर बदलाव होगा। मुख्यमंत्री ने जिले के महिला मण्डलों को जिला और खण्ड स्तर के पुरस्कार भी वितरित किए। वीरभद्र सिंह ने मण्डी में ऐतिहासिक स्मारक एवं भवन परियोजनाओं के संरक्षण एवं स्तरोन्नयन की आधाशिलाएं भी रखीं। इनमें वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, विजय, चौहाटा बाजार का सौन्दर्यकरण, तारना मन्दिर एवं इसके आसपास का सौन्दर्यकरण, भीमा काली पार्किंग परिसर, नीलकंठ मन्दिर, शिव रूद्रा मन्दिर, तांम्बरपति मन्दिर, भोलेनाथ मन्दिर के पुराने पेंट को हटाकर एथाईल सिलिकेट का प्रयोग करना शामिल है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिशु लिंग अनुपात 1000 पर 916 है, जो काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि संधोल, बलदवाड़ा और लडभडोल सहित कुछ अन्य चिकित्सा खण्डों में लिंग अनुपात में गिरावट आई है, जिसमें सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बेहतर लिंग अनुपात वाली पंचायतों को 50 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा और आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखें तथा स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए जिला प्रशासन की भूमिका की सराहना की। उन्होंने इसे पूरे राज्य का अभियान बनाने को कहा। उन्होंने ‘मेरी लाड़ली’ पहल की सराहना की और कहा कि मण्डी में शिशु लिंग दर काफी अच्छी है।
पूर्व लोक सभा सांसद और राज्य अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता अभियान की सफलता को देखकर इस दिशा में स्वपन साकार होता दिखाई दे रहा है। उन्होंने न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों तक इस अभियान का प्रचार-प्रसार करने के लिए जिला प्रशासन के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा हालांकि यह एक कठिन कार्य था, लेकिन मण्डी जिले में महिलाओं के प्रयासों ने ‘जहां चाह, वहां राह’ की लोकोक्ति को साबित कर दिखाया। उन्होंने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक प्रभावी कदम है। महिलाओं के सशक्तिकरण से समूचा समाज सशक्त होता है। उन्होंने मण्डी की महिलाओं जो खुलकर स्वच्छता अभियान में आगे आई, के प्रयासों की सराहना की।