40 साल बाद शिमला का नया डेवलपमेंट प्लान जारी..

राजधानी के 17 ग्रीन एरिया में घर बनाने की छूट..

शिमला: शिमला में कोर एरिया और नॉन कोर एरिया में रिहायशी भवनों के अलावा दुकानों, व्यावसायिक परिसरों और होटलों का निर्माण के लिए सरकार ने नया डेवलपमेंट प्लान तैयार किया है। मंगलवार को शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला के बचत भवन में नए डेवलपमेंट प्लान का ड्राफ्ट जारी कर दिया है और अब नए डेवलमेंट प्लान पर आपत्तियां और सुझाव लिए जाएंगे। इसके लिए 30 दिन का समय दिया गया। जीआईएस के तहत ये ड्राफ्ट तैयार किया है। ड्राफ्ट की कॉपी टीसीपी कार्यालय, नगर निगम कार्यालय के अलावा वेबसाइट पर भी उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि लोग इस नए डेवलपमेंट प्लान को पढ़ सके। विभाग जिसके बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाएगा।

शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि करीब 40 साल बाद शिमला शहर के लिए डेवलपमेंट प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत कोर और नॉन कोर एरिया में बिना पेड़ काटे मकान का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नया डेवलपमेंट प्लान NGT के आदेश पर तैयार किया गया है और नवंबर 2017 में NGT की पाबंदी के बाद प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका भी दायर लंबित है। उन्होंने बताया कि टीसीपी के एक्ट में प्रावधान है कि हर शहर का अलग से प्लान बनाया जाए। इसे अम्रुत योजना के तहत GIS प्रक्रिया के तहत तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि इस नए डेवलपमेंट प्लान को साडा और कंसल्टेंट द्वारा तैयार किया गया है, जिसे जनता के समक्ष रखा जा रहा है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि 6 नवंबर 2017 को आए एनजीटी के फैसले के बाद शहर के कोर एरिया में हर तरह के निर्माण कार्य पर पाबंदी लगी हुई है।  वहीं नॉन कोर एरिया में भी सिर्फ ढाई मंजिला भवन निर्माण की छूट दी जा रही है । अब सरकार ने जो नया डेवलपमेंट प्लान बनाया है उसके अनुसार कोर एरिया में छूट मिलेगी।

प्लान के मुताबिक राजधानी के 17 ग्रीन एरिया में आवासीय भवन बनाने की छूट मिल सकती है। ढाई मंजिला भवन बनेंगे, इसमें दो मंजिला और एटिक शामिल होगा। पुराने भवन जो बने हुए हैं, उन्हें ओल्ड लाइन पर मंजूर किया जा सकेगा। ग्रीन एरिया में हरे पेड़ों को काटने व गिराने पर रोक रहेगी। इसके साथ के दो वर्ग मीटर के दायर में भवन का निर्माण नहीं हो सकेगा। वन भूमि से भवन की दूरी पांच मीटर रखना अनिवार्य होगा। इन क्षेत्रों में चेंज आफ लैंड और बिल्डिंग यूज की अनुमति नहीं दी जाएगी। ज्यादा से ज्यादा कटिंग एक साथ साढ़े तीन मीटर ही हो सकेगी। यहां पर बनने वाले भवनों में सोलर प्लांट और रेन वाटर हार्वेस्टिग लगाना अनिवार्य किया जाएगा। नॉन कोर एरिया में 3 फ्लोर पार्किंग, ऐटिक बनाने की अनुमति प्रस्तावित है। शहर और प्लानिंग एरिया के लिए ये पहला डेवलपमेंट प्लान होगा।

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