चमियाणा में स्थापित होगा आईजीएमसी का दूसरा परिसर

  • आईजीएमसी ने मनाया स्वर्ण जयन्ती समारोह

 

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) के स्वर्ण जयन्ती समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसी भी संस्थान के लिए अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे करना बड़े सम्मान की बात होती है और यह आईजीएमसी के लिए भी गौरव की बात है कि प्रदेश के इस अग्रणी स्वास्थ्य संस्थान ने अपनी सफल 50 वर्ष की यात्रा के दौरान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं।

मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल के साथ कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1966 में स्थापित आईजीएमसी पूर्व में स्नोडन अस्पताल के नाम से जाना जाता रहा है। आज यह प्रदेश का बेहतर शोध व गुणात्मक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने वाला केन्द्र बन कर उभरा है जो आधुनिक उपकरणों व मशीनरी से पूरी तरह से लैस है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस अस्पताल का शहर के बाहर लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अलग से परिसर स्थापित कर रही है, जिसकी प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है और आईजीएमसी का दूसरा परिसर चमियाणा में बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल को और सुदृढ़ करने के लिए नए बहुमंजिला ओपीडी ब्लॉक का निर्माण ऑकलैंड सुरंग के नजदीक किया जा रहा है और एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक तथा कमला नेहरू अस्पताल में एक नया ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि अस्पताल द्वारा लोगों को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एवं नवीनतम तकनीकयुक्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। आज अस्पताल में कम्प्यूट्राइजड टोमोग्राफी (सीटी) और एमआरआई सुविधाएं, आधुनिक कैथ लैब, विरोजलॉजी लैब, डिजिटल रेडियोग्राफी, मेमोग्राफी, कॉबाल्ट इत्यादि सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, अस्पताल को अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, एस.जी.पी.जी.आई. लखनऊ तथा पी.जी.आई.एम.ई.आर. चंडीगढ़ के साथ पहली तथा वीडियो कॉफ्रेंसिग सुविधा से जोड़ा गया है, जिस के तहत इन संस्थानों से महत्वपूर्ण जानकारी व चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हुए अनुंसधान बारे चर्चा की जाती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस महाविद्यालय से हर वर्ष 100 स्नातकोत्तर विशेष उर्त्तीण होते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आज यह कहते हुए गौरव महसूस हो रहा है कि इस अस्पताल का विस्तार एवं विकास प्रदेश में शासित कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल के दौरान हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अस्पताल को हर संभव सहायता एवं सहयोग उपलब्ध करवाएगी, ताकि मरीजों को प्रदेश के बाहर उपचार के लिए न जाना पड़े।

उन्होंने कहा कि सोमवार को आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में आईजीएमसी तथा राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में अलग से मेडिसन आपातकाल विभाग बनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कमला नेहरू अस्पताल परिसर में राज्य मातृ एवं शिशु अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है, जो आईजीएमसी का हिस्सा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों स्वास्थ्य सेवाएं अधोसंरचना सुदृढ़ करने के प्रति वचनबद्ध है, ताकि प्रदेश के लोगों को उनके घरद्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरदराज व ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्त पड़े पदों को भरा जा रहा है और इन क्षेत्रों में नए स्वास्थ्य संस्थान खोले व स्तरोन्नत किए गए है। मुख्यमंत्री ने स्वर्ण जयन्ती समारोह के अवसर पर डाक विभाग का विशेष कवर जारी किया। उन्हें मुख्य डाकपाल द्वारा स्टैम्प एलबम तथा बलोअप भेंट की गई।

इससे पूर्व, आईजीएमसी के प्राचार्य डॉ. एस.एस. कौशल ने मुख्यमंत्री व अन्य का स्वागत किया। उन्होंने अक्तूबर 2016 तक आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों बारे जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर नर्सिंग छात्रा द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। मुख्य पोस्टमास्टर जनरल मेजर जनरल ए.के सूरी, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनडीएन वाजपेयी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. जयश्री शर्मा, दंत महाविद्यालय के प्रार्चाय डॉ. आर.पी. लुथरा, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चंद, डॉ. संजीव शर्मा, डॉ. पीयूष कपिला, डॉ. राजेश सूद, चिकित्सा एवं डेंटल कॉलेज टीचर एसोसियेशन के अध्यक्ष तथा आईजीएमसी के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, स्टाफ एवं विद्यार्थी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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