शिमला: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गणेश दत्त ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में लोकतांन्त्रिक सरकार नहीं बल्कि एक व्यक्ति विशेष का शासन चल रहा है, जो किसी भी व्यवस्था की प्रति स्वयं को जबावदेह नहीं मानते हैं। यही वजह है कि प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है और इसके कारण प्रदेश में आज चारों तरफ अराजगता का वातावरण है । विकास कार्यों को दर किनार करके इस सरकार का एक मात्र उद्धेश्य विपक्ष की आवाज़ दबाना रह गया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष अपने कर्तव्य का निर्वहन करके सरकार द्वारा किए जा रहे गलत कार्यों को जनता के समक्ष ला रहा है। पिछले तीन वर्षों में भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर कोई कार्यवाही तो दूर सरकार द्वारा कभी कोई उतर तक नहीं दिया गया। उल्टे अपने गलत कार्यों पर पर्दा डालने के लिए विपक्ष पर किचड़ उछालने की राजनीतिक परम्परा की शुरूआत कांग्रेस ने की है। कुछ निष्ठावान कांग्रेसी भी सरकार की कार्यप्रणाली से आहत है परन्तु ठाकुर कौल सिंह के सीडी काण्ड के पश्चात सभी कांग्रेसी नेता भयभीत हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार पर भी भेदभाव के आरोप लगाकर कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के कारनामों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं। परन्तु वह यह भूल रहे हैं कि पूर्व की यूपीए सरकार की तुलना में 13वें वित्त आयोग ने हिमाचल प्रदेश के वजट में मात्र 50 प्रतिशत बृद्धि की थी। जबकि उस समय अन्य कांग्रेस शासित प्रदेशों के बजट में 150 प्रतिशत बृद्धि की थी। वास्तविकता में वह भेदभाव था। इसी तरह जब हिमाचल प्रदेश का विशेष औद्योगिक पैकेज छीना गया, परन्तु कांग्रेस शासित प्रदेशों के विशेष औद्योगिक पैकेज को तत्कालीन यूपीए सरकार ने हाथ भी नहीं लगाया।
इसी दौरान कांग्रेस के शासनकाल में हिमाचल प्रदेश को केन्द्र से कोई भी आर्थिक सहायता नहीं मिली, परन्तु वर्तमान मोदी सरकार ने केन्द्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी को 32 प्रतिशत बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया और 14वें वित्त आयोग ने जो सिफारिशें की हैं उससे प्रदेश को अगले पांच सालों में कुल मिलाकर 80 हजार करोड़ रूपए से अधिक धन मिलेगा। पूर्व में पांच वर्षों के लिए जितना धन प्रदेश को मिलता था आज उतना धन एक वर्ष में मिल रहा है। ऐसे में कांग्रेसी नेताओं के प्रदेश के साथ भेदभाव करने के आरोप आधारहीन और भ्रामक हैं और इस तरह के ब्यानों से कांग्रेस को बचना चाहिए।