- हिंसा छोड़ने वाले हर संगठन से बातचीत के लिए सरकार तैयारः गृह मंत्री
नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि उनकी सरकार देश के मान-सम्मान और सुरक्षा पर कोई भी आंच नहीं आने देगी, और जो भी नक्सली या उग्रवादी संगठन हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत के लिए तैयार होगा, उससे सरकार बातचीत करने को तैयार है। गृह मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ में वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान में आयोजित समारोह के दौरान बोल रहे थे।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। इसी नीति पर चलते हुए पड़ोसी देशों से सम्बंध मधुर करने और दोस्ती का हाथ बढ़ाने की शुरुआत सरकार ने शपथ ग्रहण के दिन से ही कर दी थी और सभी सार्क देशों के प्रमुखों को आमंत्रित किया था। लेकिन जब पाकिस्तान ने सीमा पर गोलीबारी की, तो भारत ने पहले तो सहनशीलता दिखाई लेकिन गोलीबारी बंद न होने पर उसका भी माकूल जवाब दिया। गृह मंत्री ने कहा कि देश के भीतर हिंसा करने वालों को माफी नहीं दी जायेगी लेकिन अगर नक्सली या फिर कोई उग्रवादी संगठन हिंसा छोड़कर बातचीत करना चाहता है तो सरकार उससे बात करेगी। राजनाथ सिंह ने बताया कि पहले भारत-बांग्लादेश सीमा से हर साल 13 लाख से ज्यादा गायों की तस्करी होती थी, लेकिन सीमा पर सख्ती के आदेश दिये जाने के बाद अब यह संख्या घटकर तीन लाख तक रह गई है।
पूर्व विधायक व समाजसेवी स्वर्गीय डी.पी. बोरा की जयंती के अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किये जाने के इस कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह मंत्री ने यह भी याद दिलाया कि मौजूदा सरकार वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद है और इसलिए माननीय प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए जीवन ज्योति और अटल पेंशन योजना जैसी योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की विशेषता वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान है। हमारी संस्कृति दुनिया की श्रेष्ठ संस्कृति है जिसमें विकसित देशों की भी आस्था बढ़ती जा रही है। अमेरिकी लोग भी मानते हैं कि अब वे भारतीय हो रहे हैं।