शिमला: राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर सैन्य प्रशिक्षण कमान, आरट्रैकद्ध द्वारा 1965 के भारत-पाक युद्ध में भारत की विजय पर आधारित प्रर्दशनी का शुभारम्भ किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजली अर्पीत की। उन्होंने सैन्य बलों के जवानों के सर्मपण की सरहाना करते हुए कहा कि वे हर समय देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी राहत एवं बचाव कार्यों में पूर्ण सहयोग करते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश वीरों की भूमि है। उन्होंने ने कहा कि युवाओं को एनडीए की तरह अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रशिक्षण के लिए निकट भविष्य में कोचिंग सेंटर आरम्भ करने के प्रयास किए जाएंगें। उन्होंने प्रर्दशनी का अवलोकन किया और आरट्रैक, शिमला के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने एनसीसी केडिट्स केशव किशोर, रितुजा कुलकर्णी, सुनिता देवी, देवी शर्मा, वरिष्ट अन्डर ऑफिसर शुभम् कुमार तथा रीना देवी को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया।
जीओसी-इन-सी आरट्रैक, लेफटिनेंट जर्नल पी. एन. हारिज़ ने 1965 के युद्ध के दौरान हुई विभिन्न हमलों तथा युद्ध वीरों की राज्यपाल को जानकारी दी। आरट्रैक शिमला के चीफ ऑफ स्टॉफ लेफटिनेंट जर्नल रमन धवन, शिमला के उपायुक्त दिनेश मल्होत्रा, सामान्य प्रशासन के सचिव मोहन चौहान तथा आरट्रैक के विभिन्न अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस अवसर पर 1965 के युद्ध पर आधारित लघु फिल्म, सेना के नवीनतम हथियारों, सेना में प्रवेश के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी के लिए स्टॉल, खाद्य स्टॉल इस प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण रहा। यह प्रदर्शनी 11 अक्तूबर तक प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से सायं 7 बजे तक आयोजित की जाएगी।
भारत पाक 1965 युद्ध की प्रदर्शनी
1965 का युद्ध जो कि भारतीय और पाकिस्तानी फौजों के साथ लड़ा गया। भारतीय सेना के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है, क्योंकि इस दिन भारतीय फौजों ने पाकिस्तानी फौज को पराजित करके महत्वपूर्ण फतह हासिल की थी, जो कि भारतीय सेना के लिये मील का पत्थर साबित हुई। इस साल युद्ध की स्वर्ण जयंती पूरे देश में बड़ी शानौ-शौकत और गर्व के साथ मनाई जा रही है। हिमाचल प्रदेश का भी भारतीय सेना में बहुमूल्य योगदान है, जिसने सेना को सिपाही से लेकर जनरल तक दिये हैं एवं उनकी भारतीय सेना के इतिहास में एक सशक्त भूमिका रही है।
सेना प्रशिक्षण कमान ने भारत-पाक युद्ध के उपलक्ष्य में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया, जो कि सैनिकों का देश और कौम के प्रति उनकी वीरता, कर्तव्य निष्ठा, वफादारी एवं सर्वोच्च बलिदान को दर्शाता है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य, देश के मान-सम्मान एवं राष्ट्रीय धरोहरों के प्रति लोगों को जागरूक करना और विशेष कर प्रदेश के नौजवानों को सेना में आने के लिये प्रेरित करना है। यह प्रदर्शनी भारतीय फौज की पाकिस्तानी फौजों के उपर, पांच निर्णायक युद्धों की जीत को दर्शाता है, जिसमें प्रसिद्ध हाजी-पी युद्ध, असल उत्तर, बिर्की, डोगराई और फिलौरी के युद्ध शामिल हैं।
इस प्रदर्शनी में 1965 युद्ध के महत्वपूर्ण अंशो को हिन्दी एवं अंग्रेजी के चल-चित्रों के द्वारा दिखाया गया है। इस नुमाईश में अत्याधुनिक अस्त्र-शस्त्रों तथा सेना में भर्ती होने की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई और अन्य आर्कषणों के साथ ही फूड-कोर्ट की भी व्यवस्था की गई है । यह प्रदर्शनी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर लगाई गई राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा की हिमाचल में चार एन.डी.ए प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाऐंगें। यह प्रदर्शनी दिनांक 9 से 11 अक्तूबर 2015, सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक आम जनता के लिये खुली रहेगी।