आज हमें ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को अपनाने की नितांत आवश्यकता है : मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपाली ठाकुर

  • ऊर्जा संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा के पारम्परिक संसाधनों के स्थान पर अक्षय ऊर्जा साधनों का उपयोग करना चाहिए 

  • हिमऊर्जा ने गत चार वर्षों में स्थापित किए 1,80,300 लीटर प्रतिदिन क्षमता के सोलर वाटर हीटर 

  • राज्य में 1815.50 किलोवाट क्षमता के ऑफ ग्रिड सौर उर्जा संयंत्र स्थापित और 7,000 सोलर स्टडी लैम्प किए वितरित

शिमला : “राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस” भविष्य की पीढ़ियों के लिए ऊर्जा और संसाधनों के संरक्षण के लिए एक रणनीतिक मानसिकता बनाने की दिशा में एक माध्यम व एक दृष्टि कोण है। “राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस” हर वर्ष 14 दिसंबर को मनाया जाता है, ताकि संसाधनों के महत्व के बारे तथा लोगों में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके।

हिम ऊर्जा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपाली ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि आज हमें ऊर्जा के नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की नितांत आवश्यकता है। हमारे पारम्परिक ऊर्जा साधन सीमित मात्रा में हैं। हमें अपने दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले हीटर, लाईट, पंखे अथवा अन्य बिजली के उपकरणों के आवश्यक इस्तेमाल के प्रति ध्यान देकर ऊर्जा की बचत की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि हम ईंधन, कच्चे तेल, कोयला, गैस आदि दैनिक जीवन में उपयोग के लिए पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न कर रहे हैं, परन्तु फिर भी ऊर्जा की मांग निरन्तर बढ़ रही है, जिससे भविष्य में प्राकृतिक साधनों की कमी व समाप्त होने का डर पैदा हो गया है, अतः ऊर्जा संरक्षण को ध्यान में रखते हुए हमें ऊर्जा के पारम्परिक संसाधनों के स्थान पर अक्षय ऊर्जा साधनों का उपयोग करना चाहिए। खाना बनाने के लिए सोलर कुकर व पानी गर्म करने के लिए सोलर वाटर हीटर का इस्तेमाल करके हम बहुमूल्य विद्युत ऊर्जा का संरक्षण कर राष्ट्रहित में भागीदार बन सकते हैं।

रूपाली ठाकुर ने बताया कि हिमऊर्जा द्वारा गत चार वर्षों में 1,80,300 लीटर प्रतिदिन क्षमता के सोलर वाटर हीटर स्थापित कर दिए हैं। 28.90 मैगावाट क्षमता के ग्राऊंड मांऊटेड़ सोलर प्रोजेक्ट स्थापित कर दिए गए हैं। 15126.95 किलोवाट क्षमता के ग्रिड़ से जुड़े पावर प्लांट भी स्थापित किए गए हैं। 74,451 सौर गली रौशनियां भी स्थापित कर दी गई है, 19,497 सोलर लालटेन वितरित किए गए तथा गत चार वर्षों में 41.30 मैगावाट की 5 मैगावाट से कम क्षमता की 13 लघु जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित की गई हैैं।

राज्य में 1815.50 किलोवाट क्षमता के ऑफ ग्रिड सौर उर्जा संयंत्र स्थापित किए गए। 7,000 सोलर स्टडी लैम्प भी वितरित किए गए व 998 उन्नत चूल्हे भी उपभोक्ताओं को वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त 564 बाक्स सोलर कुकर और डिश सोलर कुकर वितरित किए गए। प्रदेश में 192 वर्गमीटर सोलर स्टीम कुकिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं।

  • राज्य सरकार द्वारा निम्न योजनाओं पर वितीय सहायता भी प्रदान की जा रही है-

1. अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत अनुसूचित जाति परिवारों को सोलर स्ट्रीट लाईटें प्रदान कराना।

2. दुर्गम क्षे़त्र पांगी में सभी 2124 बीपीएल परिवारों को 250 वाट के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट प्रदान किए गए व अन्य दुर्गम क्षे़त्र एवं जनजातीय क्षेत्रों में 250 वाट के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट प्रदान करने का कार्य प्रगति पर।

3. घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 100 व 200 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम पर 30 प्रतिशत उपदान प्रदान करना।

4. 250 किलोवाट से 1 मैगावाट के ग्राउंड मांउंटेड सोलर प्रोजेक्ट की COD होने के उपरांत 2,000 रू. प्रति किलोवाट वितीय सहायता प्रदान करना।

5. ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट पर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 4000रू. प्रति किलोवाट वितीय सहायता प्रदान करना।

  • नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वितीय सहायता

 ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट (घरेलू उपभोक्ताओं के लिए)

क) 3 किलोवाट तक 40 प्रतिशत उपदान

ख) 3से 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत उपदान

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *