आईएनएस अस्‍त्रधारिणी भारतीय नौसेना में शामिल

आईएनएस अस्‍त्रधारिणी भारतीय नौसेना में शामिल

नई दिल्ली: आज 6 अक्टूबर 2015 को विशाखापत्तनम के नौसेना बेस में आयोजित एक भव्य समारोह में फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग पूर्वी नौसेना कमान के वाइस एडमिरल सतीश सोनी द्वारा, स्वदेश में निर्मित टारपीडो लॉन्च और रिकवरी पोत ‘आईएनएस अस्‍त्रधारिणी’ नियुक्त किया गया। इस समारोह में विख्‍यात वैज्ञानिक एवं डीआरडीओ के महानिदेशक (एनएस एंड एम) डॉ. वी. भुजंगा राव, एनएसटीएल, विशाखापट्टनम, के निदेशक  सी.डी. मालेसवर, मैसर्स शोफ्ट शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड, भरूच, गुजरात के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सहाय राज, और अन्य विभिन्न गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

वाइस एडमिरल सतीश सोनी ने नौसेना अधिकारी प्रभारी (आंध्र प्रदेश) कमोडोर के.ए. बोपन्ना, के नौसेना घाट पर पहुंचने पर उनका स्वागत किया और गार्ड प्रस्तुत किया गया था। मैसर्स शोफ्ट शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड, भरूच, गुजरात के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सहाय राज ने उद्घाटन भाषण दिया। इसके बाद एनएसटीएल, विशाखापट्टनम, के निदेशक सी.डी. मालेसवर और विख्‍यात वैज्ञानिक एवं डीआरडीओ के महानिदेशक (एनएस एंड एम) डॉ. वी. भुजंगा राव ने भी संबोधित किया। एनओआईसी (एपी) ने भी सभा को संबोधित किया। बाद में राष्ट्रीय गान के साथ पहली बार और ‘ब्रेकिंग ऑफ द कमिशनिंग पैनेंट’ के लिए जहाज पर नौसेना पताका फहराकर समारोह का समापन किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि वाइस एडमिरल सतीश सोनी ने जहाज निर्माण और परीक्षण प्रक्रिया के माध्यम से शिपयार्ड साझेदारी करने में एनएसटीएल के योगदान के लिए उन्‍हें बधाई दी जिसने कि बेहतरीन जहाज निर्माण की दिशा में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आईएनएस अस्‍त्रधारिणी स्वदेशीकरण पर राष्ट्र के चल रहे प्रयासों पर बल देता है और पानी के भीतर के हथियारों के विकास में आत्मनिर्भरता के राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा को प्रशस्‍त करता है। बाद में उन्होंने कमीशन पट्टिका का अनावरण किया और देश के लिए जहाज को समर्पित किया।

अस्‍त्रधारिणी का प्रारूप एनएसटीएल, मैसर्स शोफ्ट शिपयार्ड और आईआईटी खड़कपुर के संयुक्‍त प्रयासों का नतीजा था और इसके कटमरैन पतवार फार्म के अद्वितीय प्रारूप के कारण इसके द्वारा विद्युत की खपत में पर्याप्‍त कमी आती है और यह स्वदेशी स्टील से बनाया गया है। 50 मीटर की लंबाई वाला यह पोत 15 समुद्री मील तक की गति में सक्षम है। यह उच्च समुद्र हालातों में काम कर सकता है और इसमें तैनाती और परीक्षणों के दौरान टोरपीडो के विभिन्न प्रकार के उबरने के लिए टारपीडो लांचर के साथ एक बड़ा डेक क्षेत्र है। जहाज में आधुनिक विद्युत उत्पादन और वितरण नेविगेशन और संचार प्रणाली भी है। जहाज का अनूठा पतवार फार्म देश के जहाज के प्रारूप और जहाज निर्माण क्षमताओं को दर्शाता है।यह गर्व की बात है कि इस जहाज की प्रणाली का 95 प्रतिशत हिस्‍सा स्वदेशी प्रारूप का है, इस प्रकार यह ‘मेक इन इंडिया’ दर्शन के लिए नौसेना के निरंतर पालन को दर्शाती है।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *