किसान परियोजना और हेल्स्टॉर्म एप जारी

नई दिल्ली: कृषि एवं किसान कल्‍याण राज्‍य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान ने आज कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय के कृषि, सहयोग एवं किसान कल्‍याण विभाग की किसान (अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और भू-सूचना विज्ञान का इस्‍तेमाल करते हुए फसल बीमा) परियोजना लांच की। इस परियोजना में पैदावार के आकलन और फसल कटाई प्रयोगों (सीसीई) के बेहतर नियोजन के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और भू-सूचना विज्ञान (जीआईएस, जीपीएस और स्‍मार्ट फोन) प्रौद्योगिकी के साथ-साथ यूएवी/ड्रोन आधारित इमेजिंग से प्राप्‍त हाई रिजोल्‍यूशन डेटा का इस्‍तेमाल करने का जिक्र किया गया है, जो फसल बीमा कार्यक्रम के लिए जरूरी है।

इस प्रायोगिक अध्‍ययन को खरीफ सीजन 2015 के दौरान हरियाणा, कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश और महाराष्‍ट्र के एक-एक जिले में और रबी सीजन 2015-16 के दौरान इन राज्‍यों के दो-दो जिलों में लांच करने का प्रस्‍ताव है। इस परियोजना को लांच करते हुए माननीय राज्‍य मंत्री ने सूचित किया कि जब यह पॉयलट अध्‍ययन पूरा हो जाएगा, तो इसे देश के अन्‍य हिस्‍सों में भी लागू किया जाएगा। किसान परियोजना को महालनोबिस राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र लागू करेगा, जो कृषि विभाग से संबद्ध कार्यालय है। इस कार्य में इसरो के केन्‍द्र (अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्‍द्र और हैदराबाद स्थित राष्‍ट्रीय सुदूर संवेदी केन्‍द्र), भारतीय मौसम विभाग, सीसीएएफएस, राज्‍य कृषि विभाग और राज्‍य सुदूर संवेदी केन्‍द्र सहयोग प्रदान करेंगे। डॉ. बालियान ने एक एंड्रॉयड एप भी लांच किया, जिसे इसरो (हैदराबाद स्थित राष्‍ट्रीय सुदूर संवेदी केन्‍द्र) ने डिजाइन किया है। इस एप से ओलावृष्टि होने पर तस्‍वीरों और भौगोलिक निर्देशांक (अक्षांश और देशांतर) के साथ उससे जुड़े डेटा का वास्‍तविक समय में संग्रह करने में मदद मिलेगी। मंत्री ने सूचित किया कि इस एप से सरकार को ओलावृष्टि के बारे में वास्‍तविक समय में आंकड़ों को प्राप्‍त करने में मदद मिलेगी, जिनका संग्रह विभिन्‍न राज्‍यों के कृषि विभाग अधिकारियों के जरिए किया जाएगा। इससे फसलों को होने वाले नुकसान के बारे में और भी ज्‍यादा तटस्‍थ तरीके से तथा काफी तेजी के साथ निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *