गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख को 73वीं वर्षगांठ की ढेरों शुभकामनाएं

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बाल कलाकार के रूप में की थी करियर की शुरूआत

बाल कलाकार के रूप में की थी करियर की शुरूआत

गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख आज 73 साल की हो गई। आशा पारेख का

जन्म 2 अक्टूबर 1942 को मुंबई में मिडिल क्लास गुजराती परिवार में हुआ था। आशा पारेख ने शादी नहीं की। वह आज भी कुंवारी है। हालांकि लंबे वक्त तक उनका एक ब्वॉयफ्रेंड भी रहा। खुद आशा पारेख ने इसका खुलासा किया था लेकिन उसका नाम नहीं बताया। आशा पारेख के फिल्म निर्देशक नासिर हुसैन से अफेयर की अफवाहें भी उड़ी।

बाल कलाकार के रूप में की थी करियर की शुरूआत- आशा पारेख ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत बाल कलाकार के रूप में की थी। 1952 में आई फिल्म “आसमान” में उनका नाम था बेबी आशा पारेख। इसके बाद फिल्म मेकर विमल रॉय ने एक फंक्शन में आशा पारेख का डांस देखा तो वह बहुत प्रभावित हुए। विमल राय ने 1954 में आई फिल्म “बाप-बेटी” में आशा पारेख को रोल दिया। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 12 साल थी।

“दिल देके देखो” फिल्म से मचाया था धमाल- आशा पारेख ने 1959 में आई फिल्म “दिल देको देखो” में प्रमुख भूमिका निभाई। इस फिल्म में लीड रोल था शम्मी कपूर का। इस फिल्म के बाद आशा पारेख ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के तमाम सुपर स्टार के साथ काम किया। मसलन, राजेश खन्ना, शम्मी कपूर, धमेन्द्र, देवानंद, जीतेन्द्र और मनोज कुमार।

दिलीप कुमार को नहीं करती थी पसंद- 60 और 70 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में राज करने वाली आशा पारेश ने अपने

24 घंटे के भीतर ही आशा की किस्मत बदली

24 घंटे के भीतर ही आशा की किस्मत बदली

जमाने के सभी मशहूर अभिनेताओं के साथ काम किया लेकिन उन्होंने ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार के साथ एक भी फिल्म नहीं की। खुद आशा पारेख ने दिलीप कुमार के साथ काम नहीं करने की वजह का खुलासा किया था। आशा पारेख ने कहा था कि वह दिलीप कुमार को पसंद नहीं करती थी इसलिए उन्होंने दिलीप कुमार के साथ फिल्म नहीं की। आशा पारेख ने कहा था कि मैं जिसे पसंद नहीं करती उसके साथ काम नहीं करती। उन्होंने यह बात गोवा में 40 वें इंटरनेशलन फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के दौरान कही थी।

ब्वॉयफ्रेंड रहा लेकिन नहीं की शादी- आशा पारेख ने शादी नहीं की। आशा पारेख का कहना है कि पहुंच दूर होने की रेपुटेशन के कारण लोग उनको शादी के बारे में पूछने से हिचकते थे। इस तरह की भी अफवाहें थी कि आशा पारेख का फिल्म डायरेक्टर नासिर हुसैन से अफेयर रहा था। नासिर हुसैन शादीशुदा थे। बाद में खुद आशा पारेख ने खुलासा किया था कि कोई लंबे समय तक उनका ब्वॉयफ्रेंड रहा था। हालांकि उन्होंने ब्वॉयफ्रेंड का नाम नहीं बताया। पारेख ने सिर्फ इतना कहा था कि अंत तक रिश्ता अच्छा रहा था। आशा पारेख ने बताया था कि वह आखिरी वक्त में नासिर हुसैन को नहीं देख पाई। बीवी की मौत के बाद नासिर हुसैन अकेले रहना पसंद करते थे। 2002 में निधन से एक दिन पहले आशा पारेख ने नासिर हुसैन से बात की थी।

मौत की खबरें भी हुई थी वायरल– उस वक्त की दिग्गज एक्ट्रेस नंदा आशा पारेख की बहुत अच्छी दोस्त थी। कुछ महीनों पहले ही नंदा का निधन हुआ है। नंदा के निधन के बाद आशा पारेख की भी मौत की खबरें नेट पर वायरल होने लगी। लेकिन बाद में यह कोरी अफवाह साबित हुई।

दीपिका पादुकोण हैं आशा की चहेती- आशा पारेख का कहना है कि बॉलीवुड की डिंपल गर्ल दीपिका पादुकोण बहुत अच्छी एक्ट्रेस है और वह चाहती हैं कि अगर उनकी फिल्म “मेरा गांव मेरा देश” का रीमेक बनता है तो उसमें दीपिका को उनका किरदार निभाना चाहिए। देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा की भी तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रियंका को उनकी फिल्म “तीसरी मंजिल” के गाने “आजा आजा मैं हूं प्यार तेरा” पर नाचते हुए देखना पसंद करेंगी।

अब क्या कर रही है आशा पारेख- आशा पारेख अब अपनी डांस एकेडमी “कारा भवन” चलाती हैं। उनके मानवीय योगदान के चलते मुंबई के एक हॉस्पिटल को “द आशा पारेख हॉस्पिटल” नाम दिया गया है।

गुजराती परिवार की आशा पारेख का जन्म बेगलुरू में हुआ था। इनके पिता हिन्दू व मां मुस्लिम थीं और परिवार साई बाबा का परमभक्त था। आशा की मां ने इन्हें बचपन मे ही क्लासिकल डांस की शिक्षा दी। सिर्फ 10 साल थी इनकी जब वह फिल्मी दुनिया में आ गई। पहली बाल-फिल्म थी, आसमान जो 1954 में रिलीज हुई। बेबी आशा की एक-दो फिल्में और आई। इसी साल बिमल रॉय ने आशा से प्रभावित होकर एक फिल्म बाप-बेटी बनाई थी। परन्तु फिल्म चली नहीं।

कुछ वर्ष बाद विजय भट्ट ने अपनी फिल्म में आशा को यह कहकर अभिनेत्री की भूमिका नहीं दी कि उसमें एक्टे्रस के गुण नहीं हैं। लेकिन 24 घंटे के भीतर ही आशा की किस्मत बदली। निर्माता सुबोध मुखर्जी व निर्देशक नसीर हुसैन ने आशा को अपनी नई फिल्म दिल देके देखो 1959 के लिए हीरोइन चुन लिया। सिर्फ 17 साल की एज में आशा पारेख फिल्मी हीरोइन बन गई। दिल देके देखो के हीरो थे शम्मी कपूर। फिल्म हिट रही और इसके बाद आशा ने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा। बल्कि नसीर की अगली 6 फिल्मों की मुख्य हीरोइन आशा पारेख ही रहीं।

यह फिल्में थीं-: जब प्यार किसी से होता है देवानंद, फिर वही दिल लाया हूँ जॉय मुखर्जी, तीसरी मंजिल शम्मी कपूर, बहारों के सपने राजेश खन्ना, प्यार का मौसम शशि कपूर , कारवां जीतेन्द्र। नसीर हुसैन के साथ अफेयर की अफवाह उडी पर जल्द ही ठंडी पड गई। आशा पारेख की जिन्दगी में इफ व बट काफी रहे हैं। हालांकि इन्होंने कडे फैसले भी लिए व परिणाम की खास परवाह नहीं की। दिल देके देखो में पहले वहीदा रहमान का नाम था, अचानक फैसला आशा के पक्ष में गया।

 सन् 1992 में आशा पारेख को पद्मश्री से नवाजा गया

सन् 1992 में आशा पारेख को पद्मश्री से नवाजा गया

आशा ने स्वयं कश्मीर की कली व ऎन ईवनिंग इन पेरिस में काम करने से इनकार किया और लाभ शर्मिला टैगोर को मिला। इसी तरह शराफत व सीता-गीता ठुकराई और फायदा हेमा मालिनी को हुआ। कटी पतंग की भूमिका के लिए आशा पारेख को फिल्मफेयर की बेस्ट एक्ट्रेस भी चुना गया था। बाद में 2001 में आशा पारेख को फिल्मफेयर का लाइफ एचीवमेंट पुरस्कार भी दिया गया था। सन् 1992 में आशा पारेख को पद्मश्री से नवाजा गया। हीरोइन की भूमिका से रिटायर होकर आशा ने कुछ फिल्मों में सहायक की भाभी, विधवा आदि। अदाकारी की। फिर शीघ्र ही नसीर हुसैन की सलाह पर निर्देशन व फिल्म निर्माण की ओर मुड गई। आशा पारेख ने अपनी प्रोडक्षन कंपनी आकृति स्थापित की। कुछ स्तरीय टीवी सीरियल बनाए। इसमें पलाश के फूल, बाजे पायल, कोरा कागज व कॉमेडी सीरियल दाल में काला उल्लेखनीय हैं।

  • आशा पारेख ने अपनी डांस अकादमी कारा भवन भी शुरू की। आशा पारेख भारतीय फिल्म सेसर बोर्ड की महिला अध्यक्षा 1998-2001 बनीं। इस दौरान इन्हें कोई सैलरी तो नहीं मिली, परन्तु कुछ आलोचनांए इनके साथ जरूर जुडी। वजह थी कि सेंसर बोर्ड में इन्होंने कुछ सख्त नीतियां अपनाई। कई फिल्में पास नहीं होने दीं, इसमें शेखर कपूर की फिल्म एलिजाबेथ भी शामिल है। आशा सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रहीं।

 

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