लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती में प्रेस की भूमिका बहुत महत्वपूर्णः जे.सी शर्मा

  • होलीडे होम में “कौन मीडिया से नहीं डरता” विषय पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित

शिमला : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग ने आज यहां होलीडे होम में कौन मीडिया से नहीं डरता विषय पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रेस एक महत्वपूर्ण स्तम्भ की भूमिका निभा रहा है। मीडिया को अपने क्षमता निर्माण में वृद्धि की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था के संचालन में कुशलतापूर्वकयोगदान दे सके। इसके अतिरिक्त, मीडिया को समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए जनता को तथ्यों पर आधारित सही जानकारी उपलब्ध करवानी चाहिए ताकि वे असामाजिक तत्वों के झूठे प्रचार का शिकार होने से बच सकें। इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की अतिरिक्त निदेशक आरती गुप्ता, संयुक्त निदेशक प्रदीप कंवर व महेश पठानिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा पत्रकार  उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि जनता की राय बनाने के लिए रचनात्मक आलोचना आवश्यक है जिससे सरकार को लोगों की प्रतिक्रिया हासिल करने में भी सहायता मिलती है और उनके कल्याण के लिए सुधारात्मक कदम उठाती है। उन्होंने पत्रकारों से नशे के दुरूपयोग और सड़क सुरक्षा सम्बन्धी जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर विचार साझा करने के लिए प्रदेश सरकार के माईगव पोर्टल पर भी चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समाज में सूचना के अधिकार की बहुत महत्पूर्ण और रचनात्मक भूमिका है लेकिन कई बार कुछ लोग अपने निजी स्वार्थों के लिए इसका दुरूपयोग करते हैं। इसलिए आवश्यक है कि आरटीआई के माध्यम से एकत्र की गई जानकारी पर आधारित रिर्पोटिंग करने से पहले इससे सम्बन्धित नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं पर गौर करे ताकि समाज को किसी प्रकार की क्षति न हो। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान प्रदेश सरकार को दिए गए सहयोग के लिए मीडिया का आभार व्यक्त किया और कहा कि राज्य सरकार उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए सदैव संवेदनशील है।

वरिष्ठ पत्रकार पी.सी. लोहमी ने कहा कि मीडियाकर्मियों के लिए आत्मविवेचन का यह सही समय है कि खासकर ऐसे दौर में जब पिछले लगभग तीन दशकों से मीडिया की विश्वसनीयता में कमी आई है। व्यापक विस्तार और बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता के बावजूद समाज में मीडिया का प्रभाव कम हो रहा है और इसने एक व्यवसाय का रूप ले लिया है जिसके फलस्वरूप मीडिया आज आम आदमी की आवाज नहीं बन पा रहा है। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मियों को बिना डर के सत्य पर आधारित तथ्यों पर समाचार लिखने व दिखाने का साहस करना चाहिए।

आउटलुक पत्रिका के सहायक सम्पादक और वरिष्ठ पत्रकार डाॅ. अश्वनी शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता हर कीमत पर बनाई रखी जानी चाहिए। 

हिमफेड के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार गणेश दत्त ने कहा कि मीडिया विश्वसनीयता के संकट से जूझ रहा है और राष्ट्रीय प्रेस दिवस पत्रकारों के आत्म अवलोकन करने के लिए विशेष अवसर है। वे सरकार की कमियों को दूर करने मं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, परन्तु उनका अवलोकन निर्णायक नहीं हो सकता। किसी भी मीडियाकर्मी को किसी भी प्रकार का भय नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें नैतिकता, जिम्मेदारी और ईमानदारी से समाज का मार्गदर्शन करने के लिए कार्य करना चाहिए।

सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन ने अपने स्वागत भाषण में राष्ट्रीय दिवस के विशेष अवसर पर मीडिया कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस दिवस के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य भारतीय प्रेस परिषद द्वारा परिकल्पित पत्रकारिता के स्वतंत्र एवं पारदर्शी उच्च मूल्यों को आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मीडिया सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं को अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने में सराहनीय योगदान दे रहा है। 

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