स्वास्थ्य विभाग लेबर रूम के स्टाफ को बनाएगा दक्ष, गंभीर गर्भावस्था से निपटने का दिया जाएगा प्रशिक्षण

प्रदेश में कुष्ठ रोगियों का किया जा रहा निःशुल्क उपचार : स्वास्थ्य विभाग

प्रदेश में कुष्ठ रोग के सालाना 120 से 150 मामले किए जाते हैं दर्ज, वर्तमान में कुष्ठ रोग के 101 सक्रिय मामले

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य में चलाया  जा रहा कुष्ठ रोगियों के लिए राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) 

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुष्ठ रोग के मामलों का प्रारंभिक चरण में पता लगाना और रोगियों को पूर्ण मुफ्त उपचार उपलब्ध करवाना

शिमला: स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत राज्य में कुष्ठ रोगियों के लिए राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुष्ठ रोग के मामलों का प्रारंभिक चरण में पता लगाना और रोगियों को पूर्ण मुफ्त उपचार उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि इस रोग का समय पर पता चल जाने और समय पर उपचार मिलने से प्रभावित व्यक्तियों में जहां विकलांगता आने से रोका जा सकता है वहीं इस रोग के आगे फैलने से रोकने में भी मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि यदि इस रोग के उपचार का कोर्स समय पर पूरा किया जाए तो कुष्ठ रोग पूरी तरह से ठीक होने वाला रोग है। उन्होंने कहा कि यह रोग छींकने और नाक बहने के दौरान बूंदों के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ लोगों में फैलता है, इसलिए इसे फैलने से रोकना और ऐसे रोगियों का पता लगा ऐसे मरीजों का उपचार करना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षणों जैसे त्वचा पर हाइपोपिगमेंटेड पैच, नसों का मोटा होना और छूने पर दर्द, घावों का उपचार न होना, त्वचा पर मोटी चमकदार गांठें, वस्तुओं को पकड़ते समय हाथों की कमजोरी आदि के बारे में सतर्क रहना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में कुष्ठ रोग के सालाना 120 से 150 मामले दर्ज किए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से भी कुष्ठ रोग से संबंधित सक्रिय मामलों का पता लगाया जाता है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुष्ठ रोगियों के परिवार के सदस्यों की भी कुष्ठ रोग से संबंधित लक्षणों की जांच की जाती है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कुष्ठ रोग के 101 सक्रिय मामले हैं। इन सभी मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है और किसी प्रकार की चोट से बचने के लिए वर्ष में दो बार एमसीआर के जूते दिए जाते हैं। कुष्ठ रोग के सभी मरीजों, जिन्हें सर्जरी की आवश्यकता होती है उन्हें सर्जरी के दौरान और सर्जरी के पश्चात मजदूरी संबंधी क्षति की पूर्ति के लिए एकमुश्त 8000 रुपये अनुदान के रूप में दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश के सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा सभी कुष्ठ रोगियों को प्रतिमाह 750 रुपये पेंशन दी जाती है।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *