खुशखबरी: गन्ना किसानों को 8 हजार करोड़ के राहत पैकेज को मंजूरी

किसानों को बकाया गन्‍ना रकम की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए चीनी क्षेत्र को अनेक प्रोत्‍साहन योजनाएं

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने किसानों को बकाया गन्‍ना रकम की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए चीनी क्षेत्र को अब तक अनेक प्रोत्‍साहन दिये हैं। इन प्रोत्‍साहनों से चीनी उद्योग में तरलता (लिक्विडिटी) की स्थिति सुधरने की आशा है। बताया जाता है कि पिछले चार वर्षों के दौरान घरेलू उपभोग के मुकाबले उत्‍पादन में अधिशेष की स्थिति लगातार बनी रहने के चलते यह उद्योग काफी दबाव महसूस कर रहा है। इन उपायों/कदमों में निम्‍नलिखित शामिल हैं:

  •  चीनी उपक्रमों को वित्‍तीय सहायता देने की योजना (एसईएफएएसयू-2014) :

सरकार ने 3 जनवरी, 2014 को यह योजना (एसईएफएएसयू-2014) अधिसूचित की थी, जिसमें चीनी मिलों को अतिरिक्‍त कार्यशील पूंजी के रूप में बैंक द्वारा 6600 करोड़ रुपये के ब्‍याज मुक्‍त ऋण देने का जिक्र किया गया था, ताकि पिछले चीनी सत्रों के बकाया गन्‍ना मूल्‍य की क्लीयरेंस हो सके और गन्‍ना किसानों को चालू चीनी सत्र के गन्‍ना मूल्‍य का समय पर निपटान सुनिश्चित हो सके। सरकार इस कर्ज पर ब्‍याज बोझ का वहन चीनी विकास कोष के जरिये करेगी। यह ब्‍याज बोझ अगले पांच वर्षों के दौरान 2750 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

  • निर्यात के लिए लक्षित कच्‍ची चीनी के उत्‍पादन को बढ़ावा देने एवं विपणन के लिए प्रोत्‍साहन:

सरकार ने 28 फरवरी, 2014 को जारी अधिसूचना के तहत चीनी सत्र 2013-14 के दौरान कच्‍ची चीनी के निर्यात से संबंधित कच्‍ची चीनी के उत्‍पादन को बढ़ावा देने एवं विपणन के लिए प्रोत्‍साहन की घोषणा की थी। 31 मार्च, 2015 तक 183.87 करोड़ रुपये के प्रोत्‍साहन की प्रतिपूर्ति चीनी मिलों को वित्‍त वर्ष 2014-15 के दौरान की गई। 30 सितम्‍बर 2014 तक निर्यात की गई 7.015 लाख मीट्रिक टन कच्‍ची चीनी के लिए यह प्रतिपूर्ति की गई।

  • पेट्रोल में एथनॉल मिलाने (ईबीपी) का कार्यक्रम:

सरकार ने पेट्रोल में मिश्रण के लिए सप्‍लाई किये जाने वाले एथनॉल के लाभप्रद मूल्‍य तय किये हैं। सरकार ने एथनॉल के लिए निविदा आधारित मूल्‍य सुधार प्रक्रिया को खत्‍म कर दिया है और पेट्रोल में मिश्रण के लिए सप्‍लाई किये जाने वाले एथनॉल के आकर्षक मूल्‍य तय किये हैं। एथनॉल की लाभप्रद एक्‍स-डिपो कीमत प्रति लीटर 48.50 रुपये से लेकर 49.50 रुपये तक तय की गई है। इसके परिणामस्‍वरूप एथनॉल का आपूर्ति स्‍तर बढ़कर इस साल 83 करोड़ लीटर हो गया है, जबकि पिछले साल यह करीब 32 करोड़ लीटर था। इसके अलावा चीनी सत्र 2015-16 के लिए एथनॉल पर उत्‍पाद शुल्‍क माफ करने का भी निर्णय लिया गया है, ताकि मिश्रण कार्यक्रम के लिए एथनॉल की आपूर्ति को और ज्‍यादा बढ़ावा दिया जा सके।

सरकार ने इसके अलावा, मिश्रण लक्ष्‍य को पांच फीसदी से बढ़ाकर दस फीसदी कर दिया है और लक्षित एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम का खाका पेश किया है, जो राज्‍यों के साथ सलाह-मशविरा करके अंतिम रूप दिये गये नेशनल ग्रिड पर आधारित है।

  • आयात शुल्‍क में बढ़ोतरी:

चीनी की मूल्‍य धारणा में बेहतरी सुनिश्चित करने के मकसद से चीनी पर आयात शुल्‍क को 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है और शुल्‍क मुक्‍त आयात अनुमोदन योजना (डीएफआईए) को समाप्‍त कर दिया गया है। इसके अलावा, सरकार ने घरेलू बाजार में संभावित चीनी लीकेज की रोकथाम के लिए अग्रिम अनुमोदन योजना के तहत निर्यात दायित्‍व अवधि को 18 माह से घटाकर छह माह कर दिया है।

  • उदार ऋण योजना:
  • केंद्र सरकार ने वर्तमान चीनी सत्र 2014-15 के दौरान किसानों को बकाया गन्‍ना रकम की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए चीनी मिलों को उदार ऋण देने की योजना अधिसूचित की है, जो 24 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से 25 लाख मीट्रिक टन के स्‍टॉक मूल्‍य के समतुल्‍य है। जिन चीनी मिलों ने वर्तमान चीनी सत्र 2014-15 के लिए देय कुल गन्‍ना मूल्‍य के कम से कम 50 फीसदी का निपटान कर दिया है वे यह ऋण पाने के योग्‍य मानी जायेंगी। सरकार ब्‍याज सब्सिडी के रूप में अधिकतम एक साल तक 10 फीसदी साधारण ब्‍याज अथवा बैंक द्वारा वसूले जाने वाले वास्‍तविक ब्‍याज दर का बोझ वहन करेगी।

 

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