भाई दूज के दिन बहनें भाइयों को करें इस शुभ मुहूर्त में तिलक- आचार्य महिंद्र कृष्ण शर्मा

हिंदू धर्म में भाई दूज के पर्व का विशेष महत्व है। राखी के त्योहार की ही तरह भाई दूज पर भी बहनें भाइयों को तिलक करती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं। पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली पर्व का समापन भाई दूज के दिन होता है। इस दिन बहनें भाइयों की लंबी आयु की कामना करती हैं। वहीं, भाई भी अपना प्रेम दिखाते हुए बहनों को उपहार देते हैं। इस दिन भाइ बहनों के घर जाते हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।

भाई दूज के दिन बहनें भाइयों को करें इस शुभ मुहूर्त में तिलक..

भाई दूज 2023 मुहूर्त 

आचार्य महिंद्र कृष्ण शर्मा का कहना है कि पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट तक है। इसके पश्चात, द्वितीया तिथि शुरू होगी। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर को 02 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 15 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक है। यह पर्व दिन की बेला में मनाया जाता है। अत: 14 नवंबर को दोपहर के समय से बहनें अपने भाई के माथे पर टीका लगा सकती हैं और कलावा बांध सकती हैं। वहीं सुविधा अनुसार, 14 से लेकर 15 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक भाई दूज मना सकते हैं।

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल द्वितीया तिथि की शुरुआत 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 36 से शुरू हो रही, जो 15 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 47 पर होगा। उदया तिथि के हिसाब से 15 नवंबर को मनाई जाएगी।

 

पूजा विधि-

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान का ध्यान करें।

भगवान विष्णू और गणेश जी की पूजा करें

इस दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है।

भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाएं।

भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं।

भाई को तिलक लगाएं।

तिलक लगाने के बाद भाई की आरती उतारें।

भाई के हाथ में कलावा बांधें।

भाई को मिठाई खिलाएं।

मिठाई खिलाने के बाद भाई को भोजन कराएं।

भाई को बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए।

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