जल निगम के अधिकारियों पर लगाए दुर्व्यवहार के आरोप
शिमला: नगर निगम शिमला की मासिक बैठक आज शुरू होते ही पार्षदों ने शहर में पानी की आपूर्ति करने वाली कंपनी की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाए। इतना ही नहीं पार्षदों ने कपंनी के अधिकारियों पर पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार के आरोप भी लगाए। पार्षदों ने बताया कि उनके वार्ड में चार-चार दिनों तक पानी नहीं आता है और जब एजीएम को इस संबंध में कॉल किया जाता है, तो वह फोन नहीं उठाते।
वहीं, बीते दिनों पार्षद दिवाकर देव शर्मा के साथ जल निगम के एजीएम द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को लेकर हाउस में जमकर हंगामा हुआ। ज्यादातर पार्षदों ने दिवाकर देव शर्मा का पक्ष लेते हुए एसजेपीएनएल के एजीएम को उनके साथ किए गए दुर्व्यवहार पर माफी मांगने को कहा। वहीं, एजीएम हरमेश भाटिया का कहना है कि उन्होंने पार्षद के साथ कोई गाली-गलौज नहीं की, बल्कि उल्टा पार्षद ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
बैठक में पार्षदों ने अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने अधिकारियों के पार्षदों के साथ इस तरह के व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा पार्षद जनता के द्वारा चुन के आते हैं और इस तरह का व्यवहार किसी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा, इसके लिए अधिकारी से जवाब तलब किया गया है। इंजन घर वार्ड की पार्षद आरती चौहान ने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने सवाल पूछा कि निगम बताए कि किस आधार पर कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन 8 से 25 हजार बढ़ाया गया है। उन्होंने आयुक्त से इस संबंध में सभी तथ्य और प्रमाण हाउस में रखने को कहा।