शिमला: रावण पुतला दहन कार्यक्रम से पहले स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य

शिमला: शिमला नगर व आसपास के उप-नगरों में विजय दशमी के दिन रावण पुतला दहन कार्यक्रम आयोजन से पूर्व स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य है। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज विजय दशमी कार्यक्रम के आयोजन की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश जारी किए।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय अप्रिय घटनाओं को रोकने तथा आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए लिया गया है ताकि आमजन को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि जाखू, संकटमोचन मंदिरों व अन्य क्षेत्रों पर इस दौरान कोविड-19 विशेष मानक संचालनों की अनुपालना सुनिश्चित की जानी आवश्यक है, जिसके लिए प्रबंधकों एवं सम्बद्ध विभागों द्वारा आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाए।
उन्होंने कहा कि रावण पुतला दहन भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से अलग खुले मैदानों में किया जाना आवश्यक है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
उन्होंने जाखू मंदिर परिसर में कोविड-19 जांच केन्द्रों की स्थापना और समुचित सफाई व्यवस्था के लिए स्वास्थय विभाग एवं नगर निगम को निर्देश दिए।
उन्होंने अग्निशमन विभाग को इस दिन प्रत्येक स्थानों पर पर्याप्त अग्निशमन कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में जाखू मंदिर परिसर में विभिन्न व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने सम्बद्ध विभागों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने को कहा।
इस अवसर पर जिला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन, स्वास्थ्य, जल शक्ति, लोक निर्माण विभाग, भाषा एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों के अतिरिक्त जाखू मंदिर व संकटमोचन मंदिर के प्रबंधक उपस्थित थे।

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