शिमला में दो दिवसीय वाणिज्य उत्सव

कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश में निर्यात से बढ़ती आर्थिक शक्ति के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पिछले 75 वर्षों में प्राप्त की गई आर्थिक प्रगति का प्रदर्शन किया गया

हितधारकों ने राज्य से जीआई उत्पादों सहित संवर्धित व्यापार के लिए नए अवसर उत्पन्न करने का संकल्प लिया, हिमाचल प्रदेश से निर्यात की क्षमता और सामर्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया गया

हिमाचल प्रदेश से निर्यात क्षमता और सामर्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उपलक्ष्य में शिमला में दो दिवसीय वाणिज्य उत्सव का आयोजन आज होटल हॉलिडे होम में सम्पन्न हुआ 

शिमला: वाणिज्य उत्सव का आयोजन कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और उद्योग विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ संयुक्त रूप से किया गया

दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की निर्यात क्षमता को देश की बढ़ती आर्थिक शक्ति के रूप में दर्शाने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पिछले 75 वर्षों में प्राप्त की गई आर्थिक प्रगति को प्रदर्शित करना है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण एवं युवा मामले एवं खेल मंत्री  अनुराग ठाकुर ने अपने वर्चुअल उद्घाटन भाषण में राज्य द्वारा आजादी के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में उठाए गए कदमों और उत्पादन, व्यापार और निर्यात को बढ़ावा देने में विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त की गई उपलब्धियों की सराहना की।  मंत्री  ने पिछले दिनों बहरीन को हिमाचली सेब के निर्यात में किए गए प्रयासों के लिए एपीडा को बधाई दी। उन्होंने सभी हितधारकों से कहा कि वे लॉजिस्टिक्स चुनौतियों का सामना करते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कृषि उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की संभावनाओं पर पुन: विचार करें। उन्होंने इतिहास को संरक्षित करते हुए राज्य से जीआई उत्पादों सहित उन्नत व्यापार के लिए नए अवसर बनाने का आग्रह किया

 आर. डी. धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग), हिमाचल प्रदेश सरकार ने आर्थिक गतिविधियों के विस्तार और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में केंद्र सरकार द्वारा दी गई प्राथमिकता के अनुसरण में निर्यात बढ़ाने के लिए हथकरघा, हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों आदि जैसे विभिन्न उत्पादों को बढ़ावा देने में हिमाचल प्रदेश की क्षमता पर प्रकाश डाला।

डॉ. एम अंगमुथु, अध्यक्ष, एपीडा, ने खाद्य क्षेत्र में राज्य की विस्तृत निर्यात श्रृंखला के पर्याप्त अवसरों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि राज्यों से निर्यात में वृद्धि की संभावनाओं का विस्तार करने के लिए एपीडा विदेशी बाजार में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आवश्यकताओं को सुनिश्चित करने के लिए एपीडा द्वारा लागू ट्रैसेबिलिटी सिस्टम के अतिरिक्त कृषि उत्पादों की बाजार पहुंच के लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग के साथ मिलकर समन्वय किया है। उन्होंने कहा कि एपीडा द्वारा कृषि समुदाय को सशक्त बनाने और उनकी आय दुगनी करने के लिए चिन्हित कृषि उत्पादों के लिए एफपीओ को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

अजय श्रीवास्तव, अतिरिक्त डीजीएफटी ने निर्यात को दोगुना करने में  प्रधानमंत्री के सपने में योगदान करते हुए निर्यात बढ़ाने में राज्य की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के व्यापार और सेवा निर्यात दोनों के संदर्भ में पिछले 75 वर्षों के दौरान देखी गई क्रमिक वृद्धि को याद किया। उन्होंने कोविड वर्ष के दौरान हिमाचल प्रदेश को अधिकांश राज्यों से आगे स्थापित करते हुए निर्यात वृद्धि को 25% से अधिक प्राप्त करने के प्रयासों के लिए राज्य की सराहना की गई।

एचपीएमसी की पहलों, ईसीजीसी की भूमिका और नाबार्ड और कृषि विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार की गतिविधियों पर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए ताकि एफपीओ को मजबूत करने, कृषि उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को संभालने और वित्तीय क्षेत्र में सहायता के बारे में हितधारकों को जागरूक किया जा सके ।

निर्यात संवर्धन आयोजन में पशुपालन विभाग (भारत सरकार), नाबार्ड, खाद्य प्रसंस्करण विभाग, कृषि विभाग, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, हस्तशिल्प एवं हथकरघा, ट्राइफेड, एचडीएफसी, ईईपीसी, ईसीजीसी, डीजीएफटी और फल प्रसंस्करण, औषधीय पौधों आदि से निजी विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न उत्पादों के व्यापार और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शनी भी शामिल है ।

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