मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग की 79 करोड़ रूपये की विकासात्मक परियोजनाओं के किए लोकार्पण एवं शिलान्यास

 मुख्यमंत्री ने मानपुरा पुलिस थाना का किया शुभारम्भ

छठी आईआरबी धौलाकूआं का शस्त्रागार भवन अत्याधुनिक विश्व स्तरीय तकनीक से निर्मित

शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से वर्चुअल माध्यम द्वारा पुलिस विभाग की 24 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 10 परियोजनाओं के लोकार्पण तथा 55 करोड़ रूपये की लागत से 16 नई परियोजनाओं के शिलान्यास किए।

मुख्यमंत्री ने 226.14 लाख रूपये की लागत से निर्मित आई.जी. उत्तरी क्षेत्र के भवन, जिला बिलासपुर में 88.50 लाख रूपये की लागत से पुलिस थाना सदर के चार आवासीय भवन, जिला हमीरपुर में 105.63 लाख रूपये की लागत से पुलिस थाना नादौन में चार आवासीय भवन, जिला हमीरपुर में 84.95 लाख रूपये की लागत से पुलिस थाना सुजानपुर में एक आवासीय भवन, सिरमौर के धौलाकुंआ में छठी भारतीय आरक्षित पुलिस वाहिनी की 714 लाख रूपये की लागत से निर्मित एक बैरक ब्लाॅक और 380 लाख रूपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक शस्त्रागार भवन, जिला मण्डी की पुलिस चैकी रिवालसर में 149.16 लाख रूपये की लागत से निर्मित 6 आवासीय भवन, बद्दी के अन्तर्गत पुलिस लाइन किशनपुरा में 331.89 लाख रूपये की लागत से निर्मित 12 आवास और 238.30 लाख रूपये की लागत से निर्मित 8 आवासीय भवनों तथा नालागढ़ के अन्तर्गत पुलिस थाना मानपुरा का लोकार्पण किया।

जय राम ठाकुर ने 614.93 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाले महिला पुलिस थाना नाहन, 250.16 लाख रूपये की लागत से पुलिस अधीक्षक सोलन के आवास, 637.39 लाख रूपये की लागत से पहली भारतीय आरक्षित वाहिनी वनगढ़ के मोटर ट्रांसपोर्ट सैक्शन, 199.12 लाख रूपये की लागत से सीआईडी शिमला के तहत स्वान एवं संचालक के 6 आवासीय भवन, पुलिस मुख्यालय में 198.52 लाख रूपये की लागत से बनने वाले 6 आवासीय भवनों तथा 224.73 लाख रूपये की लागत से बनने वाले अन्य 6 आवासीय भवनों, 133.10 लाख रूपये की लागत से कांगड़ा स्थित सीआईडी के तहत स्वान एवं संचालक के दो आवासीय भवनों, जिला चम्बा के संघाणी में 217.98 लाख रूपये की लागत से पुलिस चैकी भवन, पीटीसी डरोह में 502.22 लाख रूपये की लागत से 12 आवास, 187.22 लाख रूपये की लागत से पुलिस लाइन हमीरपुर में सीआईडी के लिए दो आवासीय भवनों, 485 लाख रूपये की लागत से चतुर्थ भारतीय आरक्षित वाहिनी जंगलबैरी के बहुद्देशीय हाल, पीटीसी में 181.67 लाख रूपये की लागत से स्वीमिंग पूल, चम्बा जिला के किलाड़ में 180.95 लाख रूपये की लागत से बनने वाले पुलिस थाना के चार आवासीय भवनों, जिला सोलन के कुनिहार में 459.41 लाख रूपये की लागत से पुलिस थाना भवन, 489.13 लाख रूपये की लागत से बनने वाले पुलिस थाना भवन दाड़लाघाट और जिला बिलासपुर के घुमारवीं में 481.76 लाख रूपये की लागत से पुलिस थाना भवन के शिलान्यास किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को बधाई देते हुए सभी परियोजनाओं का निर्माण समय पर करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि विभाग के सभी भवनों का डिजाइन विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर तैयार किया गया है तथा सिरमौर जिला के धौलाकूंआ स्थित छठी आईआरबी वाहिनी परिसर में निर्मित शस्त्रागार भवन अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पीटीसी में बनाए जाने वाले स्वीमिंल पुल का उपयोग जल आपदा प्रबन्धन केन्द्र के रूप में किया जाएगा और यहां जवानों को तैरने का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के कर्मचारियों को कार्यस्थल में काम करने की सभी आवश्यक सुविधाएं समयबद्ध उपलब्ध करवाई जा रही हैं। वर्तमान में पुलिस विभाग की जवाबदेही और भी बढ़ी है क्योंकि आधुनिकता के साथ नए दायित्व भी बढ़े हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अनेक सकारात्मक पग उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पात्र व्यस्क लोगों को वैक्सीनेशन की पहली डोज देने का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में पुलिस के जवानों का भी बहुत अहम योगदान रहा है। उन्होंने इसके लिए पुलिस विभाग को बधाई दी।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पुलिस के जवानों ने कोरोना संकट काल में बहुत ही सराहनीय भूमिका निभाई है। जवान विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने कर्तव्य का निर्वहन सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि शिमला सदर थाना को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लाकर इसका आधुनिकीकरण करने के प्रयास किए जाएंगेे।

पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने पुलिस विभाग में विभिन्न गतिविधियों और विकासात्मक कार्यों की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि नवनिर्मित भवनों में पार्किंग व अन्य सुविधाएं सृजित करने के प्रयास किए गए हैं। विभाग का आधुनिकीकरण करने के लिए सशक्त प्रयास किए जा रहे हैं।

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