स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शूलिनी विवि ने किए शोधकर्ता सम्मानित

  • परिसर में कई नई सुविधाएं शुरू : नवनिर्मित मिल्खा सिंह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को सिंथेटिक ओलंपिक-मानक बैडमिंटन कोर्ट, विश्व स्तरीय जिम, एरोबिक्स, टेबल टेनिस और कुश्ती जैसी अतिरिक्त सुविधाओं के साथ गया खोला

  • इंजीनियरिंग गैलरी का

    इंजीनियरिंग गैलरी का किया गया उद्घाटन

    भी किया गया उद्घाटन

सोलन: शूलिनी विश्वविद्यालय ने परिसर में 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जिसमें  विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया  गया और छात्रों को समर्पित विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया। ध्वजारोहण समारोह कुलाधिपति डॉ. पी.के. खोसला, कुलपति प्रो. अतुल खोसला और ट्रस्टी  सतीश आनंद,  अशोक आनंद और गेस्ट ऑफ ऑनर कर्नल विक्रम जीत सिंह पनाग द्वारा किया गया।
कुलपति प्रो. अतुल खोसला ने प्रत्येक व्यक्ति द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नेटवर्किंग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक को कम से कम दो या अधिक का मार्गदर्शन करना चाहिए जिससे  वंचित व्यक्तियों को नैतिक समर्थन हासिल करने में मदद मिलेगी।
अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए, विश्वविद्यालय ने 13 सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताओं को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। ये थे प्रो. सुनील पुरी, प्रो. अनुराधा सौरीराजन, प्रो. कमल देव, प्रो. दिनेश कुमा, डॉ. प्रदीप सिंह, डॉ. पंकज रायज़ादा, प्रो. सौरभ कुलश्रेष्ठ, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. रोहित गोयल, डॉ. अशोक पथेरा, डॉ. गुरजोत कौर, डॉ. सोमेश शर्मा, डॉ. नितिका ठाकुर। इस अवसर पर, नवनिर्मित मिल्खा सिंह स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को सिंथेटिक ओलंपिक-मानक बैडमिंटन कोर्ट, विश्व स्तरीय जिम, एरोबिक्स, टेबल टेनिस और कुश्ती जैसी अतिरिक्त सुविधाओं के साथ खोला गया। इसके साथ ही एक इंजीनियरिंग गैलरी का उद्घाटन भी  किया गया। गैलरी महान भारतीय इंजीनियर भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि है। शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध, शूलिनी विश्वविद्यालय लगातार उत्कृष्टता के लिए प्रयास करता है और परिसर में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को जोड़ता है।

शूलिनी विश्वविद्यालय के एमएस स्वामीनाथन स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर ने अपने खेतों में नई जोड़ी गई सुविधाओं को छात्रों और कृषक समुदाय को समर्पित किया। विश्वविद्यालय ने छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण पर जोर दिया और स्कूल के फसल कैफेटेरिया में मधुमक्खी पालन, डेयरी और वर्मीकम्पोस्टिंग इकाइयों और जैविक खेती इकाई जैसी नई सुविधाओं को जोड़ा गया है।

समारोह का एक अन्य आकर्षण डॉ अमित कुमार, डॉ उमा शंकर और डॉ रविंदर नाथ द्वारा लिखित पुस्तक, कीट विज्ञान – एक बुनियादी मैनुअल का विमोचन था। मैनुअल का विमोचन रोटेरियन डॉ. कैलाश पराशर, सतीश आनंद, कर्नल विक्रमजीत सिंह पनाग,  सरोज खोसला और प्रो. पी के खोसला द्वारा किया गया।

उत्साही विश्वविद्यालय के छात्रों ने ओपन एयर थिएटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, एवं  धर्मनिरपेक्ष भारत की ताकत पर जोर दिया। अरुणाचल प्रदेश, आसम, मणिपुर, आंध्र प्रदेश और पंजाब के छात्रों ने उत्साहपूर्वक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया और अपने राज्य के सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व किया। इसके साथ ही शूलिनी क्रेच के बच्चों ने शलोकों और देशभक्ति कविताओं के पाठ में भी भाग लिया। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) ने सभी गणमान्य व्यक्तियों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन डीन छात्र कल्याण श्रीमती पूनम नंदा द्वारा किया गया और अंकुर बशर ने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया।

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