हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र..

हिमाचल: प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को कोरोना व्यवस्थाओं को लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। सदन में स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। वहीं, मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने इसका जवाब दिया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि मुख्यमंत्री की नेतृत्व क्षमता भी कोरोना महामारी के दौरान देखने को मिली, जिन्होंने समय-समय पर उचित निर्णय लेकर प्रदेश को इस विकट परिस्थिति से उभारने का प्रयास किया।  कोरोना वॉरियर्स ने संक्रमितों की जो सेवा की वह सराहनीय है। ऐसे समय में कोरोना मरीजों की मदद की जब सगे संबंधी उन्हें छोड़ चुके थे। उन्होंने कहा की जनवरी 2020 में ही सरकार ने कोविड से निपटने के लिए प्रयास शुरू कर दिए थे, जिसके तहत 104 सेवा 24 घंटे के लिए शुरू की गई। सभी उपायुक्तों को भी हर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए गए। अभी सैजल का जवाब पूरा भी नहीं हुआ था कि विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया और सरकार पर कोरोना काल में अव्यवस्था के आरोप लगाए।

कांग्रेस के विधायक इंद्र दत्त लखन पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरह से नाकाम रही। कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे रही है और अभी भी सरकार की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के अस्पतालों में सरकार जरूरी सामान मुहैया नहीं करवा पाई है। कई अस्पतालों में घटिया किस्म की पीपीई किट भेजी गई। इसके अलावा कोरोना से मौत पर सरकार को सर्टिफिकेट जारी करनी चाहिए। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छुपा रही है। कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखन पाल ने सरकार पर कोरोना काल में आम लोगों की सहायता न करने के आरोप लगाए। कांग्रेस ने कोरोना काल में नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा देने के साथ ही राशन और अन्य जरूरी सामान मुहैया करवाया है। सरकार विपक्ष पर आरोप लगाने से पहले प्रदेश की जनता को बताए कि कोरोना काल में आम लोगों को क्या राहत दी।

 मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के वाकआउट की निंदा करते हुए कहा कि मंत्री विस्तार से सदन में जानकारी दे रहे थे और विपक्ष सुनने को तैयार नहीं था। सरकार ने कोरोना काल में बेहतर कार्य किया है। अस्पतालों में मरीजों को बिस्तर उपलब्ध कराए गए। उपयुक्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई है। सत्ता पर रहते हुए कांग्रेस ने  50 साल में सिर्फ 50 वेंटिलेटर दिए थे। आज 800 वेंटिलेटर  हैं और 500 वेंटिलेटर  पीएम केयर फंड से मिले। सरकार और स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। प्रदेश में कोरोना में मामले बढ़ रहे हैं। इससे पहले सुबह सदन में बिना किसी गतिरोध के प्रश्नकाल शुरू हुआ। किन्नौर के विधायक जगत सिंह ने सदन में वन मंजूरी में देरी के मामले उठाए। कहा कि  प्रदेश में बगैर वन मंजूरी के कोई प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सकता। नए प्रोजेक्टों की वन मंजूरी का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में उठाएंगे। 

वहीं कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मंगलवार को हिमाचल विधानसभा सदन में सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग आयोग बनाने की मांग हो रही है। ये लोग मुख्यमंत्री से भी मिलना चाहते हैं। इस आयोग का गठन किया जाए, जिससे वे लोग अपनी आवाज को बुलंद कर सकें। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग आयोग का गठन होना चाहिए और इसके माध्यम से इस वर्ग के लोगों की समस्याओं का समाधान होगा।

 जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसे मसलों में राजनीति की तलाश भी होती है, लेकिन बात मुद्दों को सुलझाने की होनी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि आयोग के गठन का मामला सरकार के ध्यान में है। इस मुहिम से जुड़े सदस्यों को संयम रखना चाहिए। ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जो सही न हो। जयराम ठाकुर ने कहा कि सवर्ण वर्ग के सदस्य उनसे भी दो बार मिले हैं। उन्होंने माना है कि जायज मामले उठने चाहिए। देश में दो ही राज्य हैं, जहां इस आयोग का गठन हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इनसे आग्रह किया कि वे आंदोलन न करें और कहा कि उनकी बात सरकार के पास आ गई है। उन्होंने कहा कि यह संवेदनशील विषय है।

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