प्रदेश के खुल गए द्वार सड़कों पर लगी वाहनों की लम्बी कतार.. ऐसे में क्या कोरोना से मिल पाएगी निजात?
प्रदेश के खुल गए द्वार सड़कों पर लगी वाहनों की लम्बी कतार.. ऐसे में क्या कोरोना से मिल पाएगी निजात?
हिमाचल : कर्फ्यू की बंदिशें कम होते ही प्रदेश में रविवार से गाड़ियों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई हैं। प्रदेश में अब कोई भी व्यक्ति ई-पास लेकर प्रवेश कर सकता है।पर्यटकों के लिए आरटीसीपीआर की नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म होते ही होटल कारोबारियों को फायदा मिलेगा।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ-साथ, होटल व्यवासियों के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने निर्णय कर कुछ रियायतें दी हैं। कर्फ्यू के चलते काफी समय से जो लोग हिमाचल नहीं आ पा रहे थे उन्हें अब आने की अनुमति मिल गई है। जिसके कारण भारी तादाद में पर्यटकों ने हिमाचल की ओर अपना रुख शुरू कर दिया है। कोरोना महामारी के चलते होटल व्यवसायी मंदी का दौर झेल रहे हैं। पर्यटकों के प्रदेश में आने से होटल के साथ-साथ रेस्टोरेंट, टैक्सी का भी काम चल सकेगा। लेकिन हिमाचल के लोगों के लिए कहीं बाहरी लोगों के आने से मुश्किलें न खड़ी हो जाएं! इसके लिए सरकार ने भली भांति विचार विमर्श किया होगा। लेकिन हमारी “हिम शिमला लाइव” की टीम ने कुछ होटल कारोबारियों और स्थानीय लोगों से बात की। उनका क्या कहना था आइये जानें…
आर्थिकी होगी सुदृढ़, कारोबारियों को मिलेगी राहत
होटल कारोबारियों का कहना है कि कोरोना महामारी में टूरिज्म को आर्थिक रूप से काफी घाटा हुआ है लेकिन अब उम्मीद है कि हिमाचल पर्यटन निगम के होटल हो या स्थानीय निजी होटल, पर्यटकों के आने से उनके व्यवसाय को लाभ पहुंचेगा। होटल कारोबारियों का कहना है कि जून, जुलाई और अगस्त में फुल ऑक्यूपेंसी की उम्मीद है। क्योंकि बाहरी राज्यों में गर्मी अधिक होने और हिमाचल को सुरक्षित ज्यादा समझा जाता है, तो लाज़मी है पर्यटकों का भारी तादाद में यहां पहुंचना। जिससे व्यवसाय को राहत मिलेगी।
स्थानीय लोगों के चेहरों पर चिंता की लकीरें
वहीं हिमाचल के स्थानीय लोगों में चिंता की लकीरें भी साफ देखने को मिल रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ समय पहले ही हिमाचल में कोरोना महामारी ने भयानक कोहराम मचाया है ऐसे में कहीं यह व्यवस्था प्रदेश के लोगों की और मुश्किलें न बढ़ा दें। वहीं अब ऑफिस भी खुल गये हैं काफी लोगों के काम जो नहीं हो पाए थे अब उनके वो लोग भी घर से बाहर निकलने शुरू हो रहे हैं। सोमवार को पहले ही दिन लोग घंटों जाम में फंसे रहे। प्रदेश सरकार को स्थानीय लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए था। बाहरी राज्यों को यूँ न्योता देना और स्थानीय लोगों के न्योते बंद करवाना कितना सही है कितना गलत! इस पर सरकार को सही ढंग से विचार करना चाहिए था। किसी के जीवन से बढ़कर तो कुछ नहीं। बाहरी राज्यों से हिमाचल आने का मिला न्योता, अब रोज हिमाचल के लोग जाम और कोरोना से खुद निपटे ये भला क्या बात हुई..!
स्थानीय लोगों की राय है कि प्रदेश सरकार को एक साथ सब नहीं खोलना चाहिए था पहले स्थानीय लोगों को आवश्यकता अनुसार कर्फ्यू में ढील दी जानी चाहिए थी। तदोपरान्त बाहरी राज्यों को हिमाचल आने की अनुमति दी जानी चाहिए थी। खैर यह राय तो है होटल कारोबारियों और स्थानीय लोगों की।
…खुद रखना होगा अपना ख्याल
कर्फ्यू की बंदिशों के कम होते ही पहले ही दिन घंटों लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। रविवार से ही प्रदेश में बाहरी राज्यों से लोगों ने हिमाचल आना शुरू कर दिया है। प्रदेश में सरकारी बसें भी आज से चलनी शुरू हुई हैं जबकि निजी बसें अभी हड़ताल पर हैं। लेकिन घंटों जाम की वजह से स्थानीय लोगों को अपने आवश्यक काम और कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस व्यवस्था से कितनी अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी और कोरोना आने वाले समय में क्या रंग दिखाता है! ये तो आने वाला समय ही बतायेगा, लेकिन इस वक्त प्रदेश के लोगों को खुद अपना ख्याल रखना होगा।
सरकार के प्रयास को सफल बनाना है कायदे-नियमों का सही ढंग से पालन करना है
हमारा प्रदेश आर्थिक रूप से फिर से सुदृढ़ हो सके और कोरोना भी अब न फैले, इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार का प्रयास कितना कारगर साबित होता है, ये आने वाला समय तय करेगा। सरकार के इस प्रयास को सफल बनाना हम लोगों के हित में भी है। हिमाचल के सभी लोग कायदे-नियमों का सही ढंग से पालन करें। आवश्यकता अनुसार ही घर से बाहर निकलें, शारीरिक दूरी रखें व मास्क के प्रयोग के साथ-साथ भीड़ वाले स्थानों से बचने की जरूरत है। साथ ही खाना खाने से पहले व समय-समय पर अपने हाथों को जरूर धोते रहें। साथ ही वैक्सीन जरूर लगवाएं।
ध्यान रखें… कोरोना का खतरा कम हुआ है, खत्म नहीं हुआ।