सोलन: नौणी विवि में चार परियोजनाओं का उद्घाटन

  • सॉइल एवं लीफ़ विश्लेषण लैब, पादप रोग विज्ञान फील्ड लैब, नेचर कैंप और जंगली अनार के व्यावसायिक प्लांटेशन मॉडल का अनावरण

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर ने आज विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों और किसानों के लिए चार परियोजनाएं समर्पित कीं। जिस परियोजना का उद्घाटन किया गया उनमें विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत कुल 4.55 करोड़ रुपये (सात वर्ष अवधि) की वित्तीय सहायता से स्थापित मृदा और लीफ़ विश्लेषण प्रयोगशाला शामिल है। प्रयोगशाला अटॉमिक अवशोषण स्पेक्ट्रोफोटोमीट, माइक्रोवेव डाजेसशन सिस्टम, यूवी वीआईएस स्पेक्ट्रोफोटोमीटर जैसे नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित है। यह विभिन्न मैक्रो और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित विभिन्न मिट्टी के गुणों का विश्लेषण करने के लिए अच्छी तरह से सक्षम है और विश्लेषण मूल्यों के आधार पर किसानों को सुझाव भी दीये जा रहे हैं। राज्य के विभिन्न एचपी-एचडीपी समूहों से प्राप्त नमूनों का प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जा रहा है और क्लोनल रूटस्टॉक्स पर हाई-डेंसिटी प्लांटिंग के लिए ऍड हॉक सिफारिशें दी गई हैं। कीटनाशक परीक्षण योजना से तहत 14.17 लाख रुपये से निर्मित प्लांट पैथोलॉजी विभाग की एक फील्ड प्रयोगशाला का भी आज उद्घाटन किया गया।

इसके अतिरिक्त आईसीएआर नेशनल एग्रीकल्चरल हायर एजुकेशन प्रोजेक्ट के तहत तैयार नेचर पार्क और जंगली अनार के व्यावसायिक बागान मॉडल का आज अनावरण किया गया। फ्लोरीकल्चर और लैंडस्केप आर्किटेक्चर विभाग द्वारा विकसित नेचर पार्क छात्रों के लिए एक गतिविधि क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है और विभिन्न भूनिर्माण विधियों को प्रदर्शित करता है। एन॰ए॰एच॰ई॰पी॰ के तहत, सिल्विकल्चर और एग्रोफोरेस्ट्री विभाग द्वारा विकसित जंगली अनार का एक वाणिज्यिक मॉडल भी छात्रों और किसानों को समर्पित किया गया था।

इस अवसर पर डॉ. परविंदर कौशल ने परियोजनाओं के पूरा करने के पीछे टीम के सभी सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अनुसंधान करने के लिए दोनों प्रयोगशालाएं बेहद फायदेमंद होंगी। आईसीएआर के एन॰ए॰एच॰ई॰पी॰ के तहत परियोजनाओं के विकास के बारे में डॉ. कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुसंधान, शिक्षण और छात्रों के समग्र विकास के लिए सुविधाएं विकसित करने में दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा जिसका सभी को गर्व है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनेक वृक्षारोपण मॉडल विकसित कर रहा है जो छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि किसानों के बीच इन्हें लोकप्रिय बनाने में भी सहायक होगा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ पीके महाजन,  डीन औदयानिकी डॉ. अंजु धीमान, डीन वानिकी डॉ. संजीव ठाकुर, स्टूडेंट वेलफ़ैर ऑफिसर डॉ. रविंदर शर्मा, लाइबरेरयन डॉ. डीडी शर्मा, वित्त नियंत्रक सीआर शर्मा, इस्टेट ऑफिसर विजय शर्मा, सभी विभागों के प्रमुख, एन॰ए॰एच॰ई॰पी आईडीपी परियोजना के समन्वयक डॉ केके रैना और टीम, छात्र और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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