कामगारों को राशन आपूर्ति की उचित व्यवस्था हो सुनिश्चित : उपायुक्त डीसी राणा

बुनियादी ढांचागत विकास में चंबा जिला पूरे देश में चौथे स्थान पर : उपायुक्त डीसी राणा

  • नीति आयोग द्वारा जारी की गई एस्पिरेशनल जिलों की रैंकिंग

  • चंबा जिला को पुरस्कार के तौर पर मिली 3 करोड़ रुपए की राशि-उपायुक्त

  • स्वास्थ्य, पोषण और विद्युतीकरण सेक्टर में खर्च होगी अनुदान राशि

चम्बा: केंद्र सरकार के एस्पिरेशनल जिला कार्यक्रम में चम्बा जिला ने नीति आयोग द्वारा घोषित रैंकिंग में देश भर में चौथा स्थान हासिल करके बेहतर कार्यान्वयन के लिए पुरस्कार के तौर पर 3 करोड़ की राशि का अनुदान पाया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के नीति आयोग ने देश भर के 112 जिलों को स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बुनियादी ढांचागत विकास के इंडिकेटरों(सूचकों) के आधार पर केंद्र सरकार ने एस्पिरेशनल जिला कार्यकम में शामिल किया है। हिमाचल प्रदेश का चम्बा जिला भी इनमें से एक है। केंद्र का नीति आयोग विभिन्न सेक्टरों में किए गए बेहतरीन प्रदर्शन के लिए बाकायदा रैंकिंग जारी करता है और जिस सेक्टर में बहुत ही अच्छे नतीजे सामने आते हैं उस सेक्टर को और मजबूत करने के लिए केंद्र विशेष अनुदान राशि जारी करता है।

उपायुक्त डीसी राणा ने आज बताया कि जिस प्रोजेक्ट के तहत चंबा जिला को तीन करोड़ रुपए की राशि मिली है इसमें स्वास्थ्य, पोषण और विद्युतीकरण सेक्टर को और सुदृढ़ करना शामिल हैं। प्रोजेक्ट की अवधि 1 वर्ष रहेगी। जिले में स्वास्थ्य के क्षेत्र में ढांचगत विकास और अन्य सुविधाएं जुटाने पर 1करोड़ 16 लाख 60 हजार की राशि खर्च की जाएगी। इनमें डिजिटल हीमोग्लोबिन मीटर और

बच्चों का भार मापने की इलेक्ट्रानिक मशीनों के अलावा 100 एमए की 6 एक्सरे मशीनें भी उपलब्ध की जाएंगी। बिजली जाने की सूरत में मेडिकल एमर्जेंसी के लिए जेनरेटर सेट और सेमी ऑटो एनालाईजर भी खरीदे जाने हैं। लैबोरेटरी के संचालन के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए जाने हैं।

बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य को लेकर भी इस प्रोजेक्ट में प्रावधान किए गए हैं। इस पर 1 करोड़ 28 लाख 40 हजार की राशि खर्च होनी है। इसमें 18 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण भी शामिल हैं जो एक तरह से इन केन्द्रों का अपग्रेडेशन भी रहेगा। ये आंगनबाड़ी भवन मॉडल आंगनबाड़ी के रूप में तैयार किए जाएंगे।विभाग को ये निर्देश भी दिए गए हैं कि जो आंगनबाड़ी केंद्र निजी भवनों में चल रहे हैं उन्हें चरणबद्ध तरीके से विभागीय आंगनबाड़ी केंद्र भवनों में स्थानांतरित करने के लिए उपयुक्त भूमि के चयन को प्राथमिकता दी जाए।

जिले में 180 ऐसे परिवार हैं जिन्हें विद्युतीकरण से जोड़ना भी इस प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। ये घर जिले के दूर दराज के इलाकों में स्थित हैं और अब इन्हें भी बिजली की सुविधा से युक्त किया जाएगा। इन 180 परिवारों में अनुसूचित जाति, जनजाति और बीपीएल परिवार भी हैं। इस काम के लिए 3 करोड़ की अनुदान राशि में से 55 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। बिजली बोर्ड को इस दिशा में जल्द कदम उठाने के लिए कहा गया है।

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