इस वर्ष भी सीधे भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से होगी गेहूं की खरीदः राजेंद्र गर्ग

  • इस वर्ष पांच मंडियों- जलग्रां, कांगर, पांवटा साहिब, काला अम्ब और फतेहपुर के अलावा अन्य स्थानों पर मंडिया खोली जाएंगी जिसमें घुमारवीं भी शामिल 

शिमला: प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी किसानों से गेहूं की खरीद सीधे तौर पर भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से की जाएगी। इस वर्ष पांच मंडियों- जलग्रां, कांगर, पांवटा साहिब, काला अम्ब और फतेहपुर के अलावा अन्य स्थानों पर मंडिया खोली जाएंगी जिसमें घुमारवीं भी शामिल है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मन्त्री राजेन्द्र गर्ग की अध्यक्षता में गेहूं खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भारतीय खाद्य निगम के साथ आयोजित बैठक में यह तय किया गया। बैठक में किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य के मद्देनज़र और अधिक किसानों से 6600 मीटर टन गेहूं की खरीद 1975 रुपये प्रति क्विंटल की दर से करने का निर्णय लिया गया।

राजेंद्र गर्ग ने किसानों से आग्रह किया है कि वह गुणवत्तायुक्त गेहूं को अधिक से अधिक मात्रा में खोली जाने वाली मंडियों में लाएं। उन्होंने पिछले वर्ष 800 मीटर टन की अपेक्षा 3128 मीटर टन गेहूं की खरीद करने के लिए भारतीय खाद्य निगम की प्रशंसा की।

मंत्री ने जानकारी दी गई कि कोविड महामारी के दौरान विभाग ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 6.70 लाख से अधिक एनएफएसए परिवारों को अप्रैल, 2020 से नवम्बर, 2020 तक पांच किलो खाद्यान्न प्रति व्यक्ति तथा एक किलो काला चना प्रति परिवार मुफ्त में वितरित किया। इसी प्रकार, प्रदेश में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को मई व जून, 2020 में पांच किलो खाद्यान्न प्रति व्यक्ति तथा एक किलो काला चना प्रति परिवार मुफ्त में वितरित किया गया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को तीन मुफ्त रिफिल उपलब्ध करवाए गए। उन्होंने कोविड के दौरान विभाग के कार्यों की सराहना की और निर्देश दिए गए कि भविष्य में भी इसी प्रकार बेहतर कार्य जारी रहे।

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