उल्टी, दस्त की शिकायत होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल या आशा वर्कर से सम्पर्क करें : डाॅ. प्रकाश दरोच

उल्टी, दस्त की शिकायत होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल या आशा वर्कर से सम्पर्क करें : डाॅ. प्रकाश दरोच

  • स्वच्छता का ध्यान रखें, पानी उबाल कर पीएं

बिलासपुर : मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रकाश दडोच ने कहा कि जल प्राकृतिक रूप से स्वच्छ होता है इसलिए जल ही जीवन है कहा गया है लेकिन कई बार जल प्रदूषित होने से दैनिक घरेलू कार्यों जैसे खाना पकाने, स्नान करने, जल स्त्रोतों में कपड़े धोने इत्यादि के कारण रोग वाहक बैक्टीरिया, वायरस प्रोटोजोआ मानव शरीर में पहुंच जाते हैं जिससे हैजा, पेचिश, आंत्रशोथ दस्त रोग, उल्टी जैसी बीमारियां हो जाती हैं।

उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों को बोतल से दूध पिलाना, बिना हाथ धोएं भोजन पकाना खाना और खिलाना, मक्खियों से दूषित भोजन, खुला रखा भोजन और गन्दे बर्तनों में भोजन खाना भी दस्त व उल्टियां के रोग का कारण होते हैं।

उन्होंने बताया कि गर्मियों तथा बरसात के मौसम में विशेष कर दस्त रोग व उल्टियां शिशुओ, बच्चों तथा आम लोगों में हो जाती है। उन्होंने बताया कि बीमारी बढ़ने पर यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो यह घातक हो सकता है।

उन्होंने बताया कि दस्त या उल्टियां होने पर शरीर से पानी और नमक निकलने के कारण शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है जिसे निर्जलीकरण (डीहाइडेªशन) कहते हैं। ऐसी स्थिति में रोगी कमजोर और कुपोषित हो जाता है जोकि घातक है। निर्जलीकरण होने पर सामान्य से अधिक प्यास लगना, होठ और जीभ का सूख जाना, बच्चे का चिडचिडा स्वभाव होना, अधिक रोना, बच्चे का तालू धंसना और चमडी का लचीलापन कम होना, पेशाब का पीला होना आदि लक्ष्ण हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिती में मरीज को तुरन्त अस्पताल में दिखाएं।

उन्होंने बताया कि दस्त का घेरलू उपचार में दस्त व उल्टियां लगते ही घर पर उपलब्ध पेय पदार्थ पिलाना शुरु कर दें जैसे चावल का पानी, दाल व सब्जी का पानी, नमकीन लस्सी शिकंजवी और हल्की चाय तथा जीवन रक्षक घोल (ओ.आर.एस.) पिलाएं।

उन्होंने बताया कि दस्त व उल्टियां से बचाव के लिए जल स्रोतों को गंदा न करें, उनमें स्नान न करें न ही कपड़े धोएं, पेयजल स्रोतों के चारों ओर कंक्रीट की दीवार लगाएं ताकि वर्षा का पानी उसमें न जाए, शौच खुले में न जाएं, शौचालय का ही प्रयोग करें, पीने के लिए क्लोरीन युक्त नल के जल या हैण्ड पम्प के पानी का ही उपयोग करें। आवश्यकता पडने पर बाबडियों और कुएं के पानी को उबाल कर ही पिएं या 15 से 20 लीटर जल में 1 गोली क्लोरीन की पीस कर डालें उसके कम से कम आधे घण्टे पश्चात ही पानी उपयोग में लाएं। पानी को साफ बर्तन में ढक कर रखें। बर्तन से पानी निकालने के लिए हमेशा हैंडल वाले गिलास का उपयोग करें। साफ सफाई व व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, खाने पीने की चीजों को ढक कर रखें, वासी खाना न खाएं, ताजा खाना खाएं, खाना खाने से पहले और शौच जाने के पश्चात साबुन व पानी से हाथ अच्छी तरह से धोएं, पानी कम से कम 20 मिनट तक उबाल कर ठण्डा करके ही पिएं और ढक कर रखें।

उन्होंने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों व स्वास्थय केन्द्रों में ओ. आर.एस. और जिंक की गोलियां आदि हमेशा उपलब्ध रहती है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें बिलासपुर शहर के प्रभावित क्षेत्रों डियारा, चंगर व हाउसिंग बोर्ड कलौनी में घर-घर जाकर दस्त रोग व उल्टियों से पीडित बडों व बच्चों का ओ आर एस व जिंक की गोलियां तथा जरुरी दवाओं से उपचार किया जा रहा है और जरुरी स्वास्थ्य सलाह भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि ओ.आर.एस., जिंक की गोलियां, अन्य दस्त रोग व उल्टियों की दवाइयां तथा लोगों को जागरुक करने के लिए प्रचार- प्रसार सामग्री भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इन बीमारियों के कारणों, बचाव तथा उपचार के प्रति जागरूक रहें और ज्यादा जानकारी के लिए नजदीकी आशा कार्यकर्ता व सरकारी स्वास्थ्य संस्थान से सम्पर्क करें।

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