15 अक्टूबर के बाद स्कूलों को खोलने पर फैसला कर सकेंगे राज्य, माता-पिता की मंजूरी जरूरी
15 अक्टूबर के बाद स्कूलों को खोलने पर फैसला कर सकेंगे राज्य, माता-पिता की मंजूरी जरूरी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पिछले कल बुधवार को अनलॉक 5.0 की गाइडलाइन्स (school reopen guidelines in hindi) जारी कर दी। इसके तहत, स्कूलों, कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने का फैसला केंद्र ने राज्यों के ऊपर छोड़ दिया है। राज्य 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों और कोचिंग इंस्टीट्यूट को खोलना है या नहीं, वे खुद से निर्णय कर सकेंगे। हालांकि, इसके लिए उन्हें बच्चों के माता-पिता की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
अनलॉक-5 में स्कूल-कॉलेज के लिए गाइडलाइन
स्कूल, कॉलेज, शिक्षा संस्थान और कोचिंग संस्थान को चरणबद्ध तरीके से खोलने के लिए राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों को निर्णय लेने की छूट दी गई है और वे स्थितियों को देखते हुए 15 अक्टूबर 2020 के बाद इन्हें फिर से खोलने के लिए निर्णय ले सकेंगे।
हालांकि इसके लिए राज्य सरकारें स्कूलों/संस्थान प्रबंधनों के साथ परामर्श करेंगी और दी गईं शर्तों का पालन करेंगी।
ऑनलाइन एजुकेशन/डिस्टेंस लर्निंग जारी रहेगा और इसे लगातार प्रोत्साहित किया जाएगा।
जो स्कूल ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं और उनके कुछ छात्र शारीरिक रूप से स्कूल में उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन ही पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जाएगी।
छात्रों की स्कूलों में उपस्थिति अभिभावकों की लिखित सहमति से ही लागू होगी। इनके लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाने वाली SOP के आधार पर स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश अपनी-अपनी SOP तैयार करेंगे।
वहीं उच्च शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्रालय कॉलेज/उच्च शिक्षा संस्थान खोलने के लिए गृह मंत्रालय की सलाह से निर्णय ले सकते हैं। यहां भी ऑनलाइन क्लास और डिस्टेंस लर्निंग को जारी भी रखा जाएगा और प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
उच्च शिक्षा संस्थानों के पीएचडी के स्टूडेंट्स और साइंस-टेक्नॉलॉजी वाले पोस्ट ग्रेजुएट के स्टूडेंट्स के लिए लेब शुरू करने और प्रायोगिक कक्षाएं शुरु करने की भी 15 अक्टूबर 2020 से अनुमति दी जाएगी।
इन सभी संस्थानों को फिर से खोलने के लिए संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकार के निर्णय अनिवार्य तौर पर मानने होंगे।