शिमला: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा है कि भाजपा लम्बे समय से इस बात को कहती रही है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपने राजनैतिक विरोधियों के प्रति दुराग्रह से पीड़ित होकर राजनैतिक षड़यंत्र रचते रहे हैं, परन्तु जब अपनी ही पार्टी के नेता उनके सहयोगी रहे व वरिष्ठ मंत्री ठाकुर कौल सिंह इस बात के आरोप लगा रहे हैं तो भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों में प्रमाणिकता का कोई संदेह नहीं रह जाता है। पूर्व में भी कांग्रेस के ही कई नेता इस तरह के राजनैतिक षड़यंत्रों का शिकार होते रहे हैं और अब जिस तरह से सीडी कांड में बवाल मचा है इसके पश्चात वीरभद्र सिंह को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है।
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के राजनैतिक इतिहास में इस तरह का अनिश्चितता और षड़यंत्रों का महौल पूर्व में कभी भी नहीं रहा है। वरिष्ठ मंत्री अपने खिलाफ जारी हुई सीडी के पश्चात इस बात की लगातार मांग कर रहे हैं कि इस सीडी की सत्यता की जांच की जाए और देाषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। परन्तु हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री, मंत्री को चुप रहने की हिदायत दे रहे हैं परन्तु सीडी की जांच करने से कतरा रहे हैं। उन्होनें कहा कि सीडी की सत्यता की जांच होना अनिवार्य है और इसके साथ ही यह जांच भी की जानी चाहिए कि टैलिग्राफ एक्ट के अनुसार जब किसी भी रिकॉर्डिड बात को 6 महीने से अधिक नहीं रखा जा सकता है तो किन परिस्थितियों में यह सीडी बाहर आई और इसके लिए दोषी कौन व्यक्ति है ? उन्होनें कहा कि पिछले कुछ समय से कांग्रेसी नेताओं की आपसी खींचतान ने हिमाचल प्रदेश के विकास को गहरा धक्का लगाया है।
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि भाजपा मुख्यालय पर हमले को अंजाम युकां कार्यकर्ताओं ने युकां अध्यक्ष विक्रमादित्य की अगुवाई में दिया। परन्तु हैरानी की बात है कि इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं का चार्जशीट में तो नाम दर्ज किया है परन्तु इस हमले के मुख्य दोषी विक्रमादित्य को छोड़ दिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक पिता अपने पुत्र मोह में कानून से खिलवाड़ कर रहा है। इस सरकार ने नैतिकता की सारी सीमाऐं लांघ दी है और अब तो कांग्रेस के नेता भी इस बात को खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश में किसी पार्टी का शासन न होकर एक व्यक्ति का शासन है और वह इस शासन को तानाशाही ढंग से चला रहे हैं, परन्तु यह परिस्थितियां ज्यादा दिन तक नहीं रहेगी क्योंकि इस सरकार का पाप का घड़ा भर चुका है।