- अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ का देंगेस्पेशल पैकेज
- पीएम मोदी ने कहा: कोरोना संकट के सामने थकना, हारना, झुकना हमें को मंजूर नहीं
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में एक तरफ जहां 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया तो वहीं तरफ उन्होंने ये भी किया कि 18 मई के बाद भी लॉकडाउन जारी रहेगा। पीएम मोदी ने कोरोना आपदा से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, जो भारत की जीडीपी का 10 फीसदी है।पिछला और आज का पैैकेज का मिलाकर है यह राशि। पीएम ने कहा कि इस पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी बाद में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से हमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ा आपदा भारत के लिए संदेश और एक अवसर लेकर आई है। उन्होंने कहा कि मैं एक उदाहरण के साथ बताना चाहता हूं कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ तो भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी न ही एन95 मास्क का उत्पादन होता था। लेकिन आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि आपदा को हमने अवसर में बदल दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में आर्थिक पैकेज का ऐलान करते हुए लॉकडाउन 4 की जानकारी दी है। पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन 4 पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी।
बता दें कि लॉकडाउन 3 की अवधि 17 मई को खत्म हो रही है, इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के मंगलवार को एक बार फिर देश के नाम संबोधन से लॉकडाउन के चौथे चरण का ऐलान किया है।
पीएम मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। कोरोना वायरस की वजह से विश्वभर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के सामने थकना, हारना, झुकना मानव को मंजूर नहीं है।