कोरोना ने कैसा वक्त दिखाया: कोई नियम-कायदों की साख पर, तो कोई ओहदों की धाक पर...

कोई नियम-कायदों की साख पर, तो कोई ओहदों की धाक पर…

कोरोना से लड़ाई लड़ने के लिए इस वक्त किसी भी तरह की राजनीति और ओहदे का फायदा उठाकर नियमों की अवहेलना तो बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। इस वक्त पूरा विश्व कोरोना की लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में हमारा देश प्रदेश कोरोना के साथ-साथ आपसी लड़ाई, मनमुटाव और दिखावे की राजनीति के लिए भी जूझ रहा है। कहीं चिकित्सक, पुलिस, स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार तो कहीं अपने घर न पहुंचने पर लोगों की झलकती बेबसी, कहीं नौकरी पाने की चिंता तो कहीं नौकरी गंवाने का दुःख। कहीं दो वक्त की रोटी के लिए बड़ी-बड़ी कतारें तो कहीं राजनीति चमकाने के हथकंडे, कहीं देश की सेवा के लिए सच्चा जज्बा, तो कहीं निजी स्वार्थ, कोई नियम कायदों में उलझा परेशान तो कोई आहेदे की ताक पर नियम-कायदे और फायदे लेता इंसान….!  

  • सरकार और प्रशासन जी-जान से लोगों के लिए हर वक्त मुस्तैदी से अपना फर्ज निभा रहेकलम
  • सख्ती और नियम सभी के लिए एक सम्मान होने चाहिए

यह वक्त एकजुटता दिखाने का है तथा कोरोना के विरुद्ध एकजुटता के साथ लड़ने का है। नियम कायदे और फायदे सबके लिए ही बराबर होने चाहिए। प्रदेश की बात की जाए तो यहां बाहरी राज्यों से हिमाचलियों के आने पर पूरी तरह पाबंदी है बावजूद इसके जिनकी चलती है वो पहुंच रहे हैं और सरकार और प्रशासन मूक है। सफाई दी भी जा रही है तो यह कि नियमों के तहत ये लोग हिमाचल पहुंचे हैं। कोई यह भी तो बताए! कि ऐसे कैसे नियम हैं जो अपने घर आने के लिए बाकि लोगों के लिए नहीं है। सख्ती तो सभी के साथ एक सी होनी चाहिए। नियम भी सभी के लिए एक से ही होने चाहिए। कठिन परिस्थितियों में इस प्रकार नियमों की अवहेलना किसी के लिए भी सही नहीं। ये सच है प्रशासन और सरकार जी-जान से लोगों के लिए हर वक्त मुस्तैदी से अपना फर्ज निभा रहे हैं।

तारीफ करनी होगी प्रशासन की। कोरोना महामारी के खिलाफ आवश्यक सेवाएं दे रहे अग्रणी कार्यकर्ता डॉक्टर, नर्सें, पुलिस कर्मचारी, आशा वर्कर्ज, आंगनवाड़ी और स्वच्छता कर्मचारियों की जो इस मुश्किल घड़ी में हमारी रक्षा के लिए हर वक्त तैनात हैं।

  • दिखावे की राजनीति तथा नियम कानून ताक पर
  • कठिन परिस्थितियों में नियमों की अवहेलना किसी के लिए भी सही नहीं

लेकिन इसके बावजूद जो लोग दिखावे की राजनीति और नियम कानून को ताक पर रख रहे हैं उन्हें सोचना चाहिए, ये वक्त सभी के साथ मिलकर कोरोना की लड़ाई लड़ने का है। आप जहां भी हैं वहीं रहे, क्योंकि इस वक्त सभी को एकजुटता दिखाने की आवश्यकता है। जरूरतमंद लोगों का सहयोग कीजिए, फोन पर तस्वीर खींचकर अपनी नेकी का प्रदर्शन नहीं। जरूरतमंद, गरीब लोगों की सच में आपको फिक्र है और आप मदद करने में सक्षम हैं तो जरूर कीजिए, नहीं तो आप प्रशासन को सूचित करें। इस वक्त इतनी कोशिश कीजिए कि आपके आस-पास testकोई भूखा न हो। आप अच्छा काम कर रहे हैं आपको और आपकी अंतरात्मा को सुखद अनुभव होना चाहिए। बाकि लोगों को दिखाकर मदद करने से भले ही आप दो बोल प्रशंसा के सुन ले। लेकिन जो मन की वास्तविक शांति है उसे महसूस करने के लिए आपको दिखावे की जरूरत नहीं।  

  • जो नियमों की अनदेखी और दिखावे की राजनीति कर रहे हैं उन पर लोगों की पैनी नज़र है।
  • “कोई देखे न देखे…खुदा तो देखता होगा” इस मकसद से अपना कर्तव्य निभाएं

राजनीति चमकाने वाले लोग भूल जाते हैं कि ये वो दौर है जिसमें लोग बहकावे में नहीं आते, पल-पल की खबर अब लोग रखते हैं। जनाब ये पब्लिक है सब जानती है। अब आप वाकये जनता के दिलों में राज करना चाहते हैं तो धरातल में काम करके दिखाएं, मुश्किल वक्त तो है मगर असल के मसले सुलझाएं। भाषणबाजी, और दिखावे की हमदर्दी अब कोई नहीं चाहता। पूरा प्रदेश सजग है कोरोना के विरुद्ध सरकार और प्रशासन के साथ सहयोगी बना हुआ है। लेकिन वाबजूद इसके जो नियमों की अनदेखी और दिखावे की राजनीति कर रहे हैं उन पर लोगों की पैनी नज़र है। कोरोना से जंग तो हम जीत ही जाएंगे, लेकिन इस वक्त एक दूसरे के सच्चे सहयोगी और मददगार बनिये। “कोई देखे न देखे…खुदा तो देखता होगा” इस मकसद से अपने कर्तव्य को निभाएं।

।। जय हिंद, जय भारत ।।

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