- जबकि पिछला सर्वाधिक विद्युत उत्पादन एसजेवीएन द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान 9346 मिलियन यूनिट किया गया था
- सीएमडी नंदलाल शर्मा ने किया सभी कर्मचारियों से आह्वान : कि कोविड-19 से उत्पन्न हुई संकट की इस घड़ी में देश को 24 x 7 बिजली उपलब्ध करवाने के लिए दे अपना पूरा सहयोग
शिमला: एसजेवीएन के पावर स्टेशनों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान अब तक का सर्वाधिक संचित 9678 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया है, जबकि पिछला सर्वाधिक विद्युत उत्पादन एसजेवीएनद्वारा वित्तीय वर्ष 2015 16 के दौरान 9346 मिलियन यूनिट किया गया था।
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने इस उपलब्धि हेतु एसजेवीएन के कर्मचारियों को बधाई देते हुए बताया कि एसजेवीएनकी वर्तमान स्थापित क्षमता 2015.2 मेगावाट है, जिसमें 1912 मेगावाट हाइड्रो पावर, 97.6 मेगावाट विंड पावर तथा 5.6 मेगावाट की सोलर पावर शामिल है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के 9100 मिलियन यूनिट के लक्ष्य की तुलना में एसजेवीएन के पावर स्टेशनों ने 9678 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया है। उन्होंने सभी कर्मचारियों का यह आह्वान किया कि कोविड-19 से उत्पन्न हुई संकट की इस घड़ी में देश को 24 x 7 बिजली उपलब्ध
करवाने के लिए अथक रूप से काम करें।
उन्होंने आगे कहा कि इसके देश के सबसे बड़े भूमिगत पावर स्टेशन 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन तथा 412 मेगावाट रामपुर जलविद्युत स्टेशन के सर्वोत्तम परिचालन तथा अनुरक्षण के कारण एसजेवीएन अब तक के सर्वाधिक बिजली उत्पादन के इस रिकॉर्ड को कायम कर सका है I1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी की डिजाइन एनर्जी 6612 मिलियन यूनिट तथा412 मेगावाट रामपुर जल विद्युत स्टेशन की 1878 मिलियन यूनिट है, जबकि इन पावर स्टेशनों से बिजली का उत्पादन क्रमश: 7445 मिलियन यूनिट एवं 2098 मिलियन यूनिट है। इन पावर स्टेशनों ने दिसंबर,2019 के महीने में डिजाइन एनर्जी हासिल कर ली थी।
उन्होंने यह भी कहा कि पावर स्टेशन के शानदार निष्पादन के आधार पर एसजेवीएन ने अपने शेयरधारकों के लिए 668 करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश घोषित किया है, जबकि आज तक कंपनी अपने शेयरधारकों को 7356.56 करोड़ रुपए का लाभांश अदा कर चुकी है।
शर्मा ने बताया कि जल विद्युत एसजेवीएन का मुख्य आधार है तथा वर्तमान में 60मेगावाट नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना में निर्माण गतिविधियां पूरे जोर से चल रही हैं। उन्होंने आगे बताया कि भरसक प्रयत्न के उपरांत नेपाल में हम 900मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना का 6 फरवरी,2020 को वित्तीय समापन हासिल कर सके हैं। इस परियोजना के निर्माण के लिए कंपनी अगले 5 वर्षों में नेपाल में लगभग 6959करोड़ रुपए खर्च करेगी।
शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन थर्मल पावर के क्षेत्र में भी उतर चुका है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बक्सर में मार्च,2019 में हमारी 1320 मेगावाट की बक्सर थर्मल पावर परियोजना की आधारशिला रखी। इस परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है और एसजेवीएन की इस परियोजना की वित्तीय वर्ष 2023-24 में चालू करने की योजना है।
उन्होंने कहा कि एसजेवीएन भारत तथा पड़ोसी देशों में विद्युत परियोजनाओं की तलाश में है और नेपाल सरकार तथा अरुणाचल प्रदेश सरकार से उनके इलाकों में हाइड्रो पोटेंशियल के दोहन के लिए उनसे बातचीत कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि एसजेवीएन ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ आठ(8) जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण हेतु एमओयू पर साइन किए हैं। इन परियोजनाओं की कुल क्षमता 2388 मेगावाट है, जिनमें कुल 24,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
नंदलाल शर्मा ने जोर देकर कहा कि कंपनी जिसने अपनी शुरुआत वर्ष 1988 में एकल जल विद्युत परियोजना से की, के पास आज 7489.2 मेगावाट का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 2015.2 मेगावाट प्रचालनाधीन,2880 मेगावाट निर्माणाधीन,482 मेगावाट निर्माण पूर्व एवं निवेश मंजूरी के अधीन तथा 2112 मेगावाट सर्वेक्षण एवं अन्वेषणाधीन है। कंपनी बिजली उत्पादन के अन्य क्षेत्रों में भी विविधीकरण कर चुकी हैं। एसजेवीएन टीम में अपना यकीन जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाटतथा वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के पथ पर तीव्रता से अग्रसर है।