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अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के कुशल मार्ग-निर्देशन में बक्सर परियेाजना निर्धारित समय से पहले होगी पूरी : बंसल
शिमला: एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने आज बक्सर ताप विद्युत परियोजना, चौसा, बक्सर का दौरा कर निरीक्षण किया। वहीं उनके साथ आर.के.बंसल, निदेशक (विद्युत), एसजेवीएन थे। उनके परियोजना स्थल पर आगमन पर एस.सी.अग्रवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एसटीपीएल, संजीव सूद, मुख्य महाप्रबंधक (विद्युत), एस.एल. शर्मा, मुख्य वित्तीय अधिकारी, एसटीपीएल तथा एसटीपीएल के कर्मचारियों ने हार्दिक स्वागत किया। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नंद लाल शर्मा का स्वागत करते हुए एस.सी.अग्रवाल ने उनका इस बात के प्रति आभार व्यक्त किया कि वे अपने बेशकीमती समय में से कुछ समय निकालकर एसटीपीएल कर्मचारियों के बीच उन्हें प्रेरित करने आए। अपने संबोधन में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने परियोजना संकार्यों की प्रगति को लेकर अपनी प्रसन्नता और संतोष व्यक्त किया और हर कर्मचारी का आह्वान किया कि वे तय समय से पहले परियोजना पूरी करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
निदेशक (विद्युत), आर.के.बंसल ने कहा कि अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के कुशल मार्ग-निर्देशन और दूरदर्शी नेतृत्व में बक्सर परियेाजना निश्चित रूप से निर्धारित समय से पहले पूरी कर ली जाएगी। संजीव सूद, मुख्य महाप्रबंधक (विद्युत) ने परियोजना के निरीक्षण दौरे के लिए अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक तथा निदेशक (विद्युत) के प्रति आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि उनकी इस यात्रा से कर्मचारी परियेाजना को तय समय के अनुसार पूरी करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। संजीव सूद वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस. सी. अग्रवाल की 29 फरवरी को रिटायरमेंट के बाद एसटीपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पदभार संभालेंगे I परियोजना के दौरे के दौरान अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक परियेाजना प्रभावित लोगों के लीडर्स और ग्रामीणों से विचार-विमर्श किया और उनकी आंकाक्षाओं और मांगों को सधैर्य सुना। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के साथ उनका विचार-विमर्श अत्यंत संतोषप्रद और आश्वस्त करने वाला था और लोगों ने इसके लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
एसटीपीएल एसजेवीएन के पूर्ण स्वामित्व वाली एक अधीनस्थ कंपनी है जो चौसा, बक्सर (बिहार) में 1320 मेगावाट (660x2) बक्सर ताप विद्युत परियोजना का निर्माण कर रही है। परियोजना का निर्माण कार्य पूरी गति से चल रहा है और अक्तूबर,2023 तक पूरा किया जाना निर्धारित है। परियेाजना चालू होने पर सालाना 9828 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी और क्षेत्र में समृदि्ध के एक नए युग का सूत्रपात करेगी।