- स्वास्थ्य ठीक न होने की स्थिति में तत्काल लें डाक्टरी सलाह
कम से कम तीन माह अथवा अधिक से अधिक सात माह में बच्चे का पहला दांत निकल आता है। शिशु के मुंह में दांत एक-एक करके निकलते जाते हैं जिन्हें देखकर माता-पिता को विशेष खुशी होती है। पर्याप्त आहार न मिलने वाले बच्चों के दांत चमकदार दिखाई देते हैं। आगे के आठ दांत तेज व पैने होते हैं। पहले नीचे के दो दांत निकलते हैं, उसके बाद ऊपर के दो। तत्पश्चात नीचे के दो और किनारे के दांत आते हैं। इस प्रकार प्रथम ढाई वर्षों में 20 दांत निकल आते हैं। दांत निकलने की यह प्रक्रिया चलती रहती है। इसी कारण उन दिनों बच्चे की हर तकलीफ के लिए दांतों को दोषी ठहराया जाता है।
दांत निकलने के समय कुछ कष्ट हो, बच्चा दूध न पीता हो या पेचिश हो, इसके लिए दांतों को दोष देकर चुप रह जाना उचित नहीं। ऐसी स्थिति में डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए, लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बच्चे को किसी प्रकार का कष्ट होने पर या स्वास्थ्य ठीक न होने की स्थिति में तत्काल डाक्टरी सलाह ली जाए, प्रकृति पर नहीं छोडऩा चाहिए।
- अन्य कष्ट
रात में कई बार बच्चे की नींद खुल जाएगी, परन्तु कुछ मिनटों के बाद सो जाएगा। इस बीच वह बहुधा बोतल या मां का दूध पीने से मना कर देता है। कभी-कभी वह स्तन को या बोतल के रबर को दांतों से काट लेता है। इस बीच रबर की चूसने वाली ऐसी कोई वस्तु न दें जिसे वह मुंह के अंदर ले जाए। प्लास्टिक का टूटने वाला खिलौना भी न दें। उसके टुकड़े को वह खा सकता है जो गले में अटक सकता है। इस दौरान जो भी वस्तु मिले, उसे मुंह में लेकर काटता है।