- क्या देश की लचर कानून व्यवस्था के चलते बेटियां सुरिक्षत नहीं…?
- हमारे देश की कानून व्यवस्था महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर क्यों नहीं है?
- इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने वालों के लिए सख्त सजा क्यों नहीं है?
तेलंगाना के हैदराबाद में डॉ. प्रियंका रेड्डी की जली हुई लाश एक ओवरब्रिज के पास मिली। इस दर्दनाक और पीड़ाजनक दिल दहला देने वाली घटना से पूरा हिंदुस्तान सकते में आ गया है। जिसने भी घटना के बारे में पढ़ा और सुना सहम सा गया। एक बेटी वेटनरी डॉक्टर प्रियंका रेड्डी के साथ दरिंदगी की हदें पार की गई। उनकी स्कूटी खराब होने के बाद वे दरिंदों के बीच फंस गईं। उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, उसके बाद उन्हें जिंदा जला दिया गया। शुक्रवार सुबह जैसे सोशल मीडिया पर लोगों को इसकी सूचना मिलती गई, लोगों का आक्रोश भी उबाल लेता गया।
देश भर में इस जघन्य वारदात के बाद गम और गुस्से का उबाल है। देश में आए दिन इस तरह की दिल दहला देने वाली घटनाओं का होना, मां-बहन तथा बेटियों की सुरक्षा को लेकर हमारी कानून व्यवस्था पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़े करता है? आखिर हमारे देश की कानून व्यवस्था महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर क्यों नहीं है? इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने वालों के लिए सख्त सजा क्यों नहीं है? ताकि इस प्रकार की वारदात को अंजाम देने की कोई सोच ही न सके। कब तक देश की बेटियां खौफ के साये में जीती रहेंगी। इस तरह की घटनाओं के बढ़ने से तो लोग कोख में ही बेटी को मारना सही ठहराएंगे। बेटियों के घर से बाहर नौकरी, शिक्षा पर भी परिवार के लोगों दवारा अंकुश लगाए जा सकते हैं। क्योंकि हर माता-पिता अपने बेटियों के प्रति ज्यादा चिंतित रहते हैं। ऐसी घटनाओं के सामने आने से सभी माता-पिता की चिंता ज्यादा बढ़ जाती है।
यह बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है कि आखिर क्या देश की लचर कानून व्यवस्था के चलते बेटियां सुरिक्षत नहीं? सिर्फ कुछ दिन हल्ला बोलने और सोशल मीडिया पर भड़ास निकालने से समस्या खत्म नहीं हो सकती। इसके लिए लोगों को सख्त से सख्त कानून बनाने के लिए सरकार को विवश करना होगा। सरकार द्वारा जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है अन्यथा अपराधियों के हौसले बढ़ते ही जाएंगे। सोशल मीडिया पर लोग डॉ. प्रियंका रेड्डी को लेकर लगातार पोस्ट कर रहे हैं। उनके कातिलों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर ऑनलाइन कैंपेन भी शुरू हो गए हैं तो उन्हें हजारों की संख्या में श्रद्धांजलि दी जा रही है। लेकिन अब आवश्यकता है महिलाओं, बच्चियों और बेटियों की सुरक्षा के लिए तब तक आवाज उठाने की जब तक कोई सख्त कानून व्यवस्था पर सरकार कदम नहीं उठाती। महिलाओं और बेटियों की जब भी किसी भी थाने में शिकायत आती है उस पर तुरंत कार्यवाई हो। किसी भी तरह की कोई कोताही न बरती जाए। ऐसे आरोपियों के खिलाफ सख्त और तुरंत सजा का प्रावधान होना चाहिए।
पुलिस ने डॉ. प्रियंका रेड्डी मामले में 24 घंटे के भीतर ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इस तरह की वारदात को अंजाम देने वाले वहशी दरिंदों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। ऐसे दुष्ट लोगों को मौत से भी बदतर सजा मिलनी चाहिए। वो भी 24 घण्टे के भीतर। लेकिन हमारे देश की लचर प्रणाली के चलते इन आरोपियों पर महीनों तक कोई सख्त कार्रवाई होने से रही। अगर पीड़िता के परिजन ऊंचे तबके नहीं हुए तो शायद ये आरोपी कुछ महीनों या सालों में छूट भी जाएं। सोशल मीडिया और सड़कों पर कुछ दिनों तक प्रदर्शन करके इस प्रकार की वारदातों को नहीं रोका जा सकता। जरूरी है ये प्रदर्शन और ये आक्रोश तब तक न रुकें, जब तक महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सख्त कानून नहीं बन जाते और सख्ती से उनपर अमल होना शुरू नहीं हो जाता। यकीन नहीं होता है ये वही देश है जहाँ बेटियों को पूजा जाता है और माँ का आशीर्वाद लेकर बच्चे घर से निकलते हैं। इस तरह की पीड़ाजनक, दिल दहलाने वाली घटनाओं को अंजाम देने वाले कुकर्मी इस पवित्र धरा के तो नहीं हो सकते….!
Nov 30, 2019 - 09:03 PM
Such a shameful act. Government needs to take strict action as this is not happening for first time in our country breaking traffic rules is considered much bigger crime than brutally raping a woman and burning her alive. Shame on humanity.