- एमओयू होस्टल ब्लॉक के निर्माणार्थ वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया गया साईन
- एमओयू पर एसजेवीएन की निदेशक गीता कपूर तथा उप कुलपति प्रो. डॉ. जसवाल ने किए हस्ताक्षर
- एसजेवीएन प्रदेश में आठ आईटीआई को अंगीकृत कर उनके विकास में दे रहा महत्वपूर्ण योगदान : नंद लाल शर्मा
रीना ठाकुर/शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी, उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों सहित मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी तथा एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचपीएनएलयू) के विद्यार्थियों के लिए होस्टल एवं मेस ब्लॉक के निर्माणार्थ एसजेवीएन फाऊंडेशन तथा हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचपीएनएलयू) के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
इस एमओयू पर एसजेवीएन की निदेशक (कार्मिक) गीता कपूर तथा एचपीएनएलयू की उप कुलपति प्रो. डॉ. निष्ठा जसवाल द्वारा हस्ताक्षर किए गए। एसजेवीएन फाऊंडेशन अपने कारपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत एचपीएनएलयू को होस्टल ब्लॉक के निर्माणार्थ चरणबद्ध तरीके से वित्तीय सहायता प्रदान करेगा तथा यह परियोजना लगभग 24 महीनों में पूरी होगी।
इस अवसर पर नंदलाल शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन अपने कारपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत युवाओं के कौशल विकास में योगदान देने के लिए विभिन्न गतिविधियां चला रहा है। पूरे हिमाचल प्रदेश में आठ आईटीआई को अंगीकृत किया गया है तथा एसजेवीएन उनके ढांचागत विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि उपरोक्त के अलावा, एसजेवीएन अपनी सीएसआर तथा सततशील परियोजनाओं को छह शीर्षों नामतः स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, शिक्षा एवं कौशल विकास, सततशील विकास, ढांचागत एवं सामुदायिक विकास, प्राकृतिक आपदा के दौरान सहायता, संस्कृति एवं खेलों को बढ़ावा देने हेतु कार्यान्वित कर रहा है। एसजेवीएन अपने परिचालन क्षेत्रों में एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में सीएसआर गतिविधियों के कार्यान्वयन में विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है और हितधारकों के जीवन गुणवत्ता में सुधारार्थ महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।