प्लास्टिक कचरा खरीदने की नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश

  • अभी तक खरीदा 1055 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा : डीसी राणा

रीना ठाकुर/शिमला: पुनः चक्रित नहीं होने वाले और एकल उपयोग प्लास्टिक नीति को फील्ड स्तर पर लागू करने के लिए विभिन्न संस्थागत प्रबन्धों की समीक्षा बैठक आज यहां वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग के मुख्य सचिव आर.डी. धीमान ने की। जिन्होंने सभी उपायुक्तों, स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधियों और सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ चर्चा की। आर.डी. धीमान ने कहा कि इस नीति को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जाए ताकि प्रदेश को प्लास्टिक कचरे से मुक्त किया जा सके। उन्होंने सभी उपायुक्तों को यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि सम्बन्धित स्थानीय शहरी निकाय संग्रहण केन्द्र स्थापित करें, कूड़ा उठाने वाले पंजीकृतों और खरीदे गए प्लास्टिक कचरे का उपयोग सड़क निर्माण और सीमेंट उद्योगों में इंधन के लिए हो।

पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक डी.सी. राणा ने अवगत करवाया कि राज्य सरकार पुनः चक्रित नहीं होने वाले और एकल उपयोग प्लास्टिक को कूड़ा उठाने वालों के माध्यम और घरों से 75 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदेगी। इसके लिए नीति 1 अक्तूबर, 2019 को अधिसूचित की गई है। उन्होंने कहा कि कूड़ा उठाने वालों को अच्छा पारिश्रमिक देने के उद्देश्य से यह नीति अधिसूचित की गई है। उन्होंने कहा कि इस नीति के अन्तर्गत स्थानीय शहरी निकाय ब्रैड, केक, बिस्कुट, नमकीन, चिप्स, टौफियां, आईस्क्रीम, नूडल, दालों व बेकरी उत्पादों की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक वेस्ट को खरीदेंगे। इसके अतिरिक्त दूध, तेल शैम्पू, साबून, दहीं व जूस आदि के प्लास्टि को भी खरीदा जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारी प्लास्टि कचरे जैसे प्लास्टि फर्नीचर, खिलौने, इलैक्ट्रानिक व इलैक्ट्रिक, प्लास्टिक, मीनरल वाटर बोतलों, बाल्टियों, प्लास्टिक के डब्बे, टीफिन आदि वस्तुओं को इस नीति के अन्तर्गत नहीं खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक 1055 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे को खरीदा जा चुका है। 

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