रीना ठाकुर/शिमला: हिमाचल प्रदेश सचिवालय में प्राकृतिक खेती के उत्पादों की बिक्री के लिए खोले गए केन्द्र की सफलता को देखते हुए, कृषि विभाग मण्डी और ऊना जिला में भी इस तरह के बिक्री केन्द्र खोलने पर विचार कर रहा है। कृषि मंत्री राम लाल मारकण्डा ने आज यहां कहा कि राज्य सचिवालय में खोला गया बिक्री केन्द्र सप्ताह में दो दिन कार्य कर रहा है और ग्राहकों की मांग के अनुसार भविष्य में इसे ज्यादा दिनों तक खोलने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर के ओहर तथा जिला चम्बा में प्राकृतिक खेती के उत्पादों के साप्ताहिक बिक्री केन्द्र पहले ही कार्य कर रहे हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती का मुख्य उद्देश्य कृषि लागत को कम कर कृषि को लाभदायक बनाना विविध प्रकार के कृषि उत्पादों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से भूमि उपजाऊ बनती है और पर्यावरण सुरक्षित रखता है तथा किसानों की आर्थिकी में भी सुधार आता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है और इस दिशा में कृषि विभाग द्वारा किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। राम लाल मारकण्डा ने कहा कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत इस वर्ष 50 हजार किसानों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है और अभी तक 20 हजार किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इनमें से 15 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती आरम्भ कर दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस योजना के अंतर्गत 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।