मुख्यमंत्री के अधिकारियों को निर्देश, समझौता ज्ञापनों की स्वीकृतियों के कार्य में लाएं तेजी

  • सभी एम.ओ.यू. को हिम प्रगति पोर्टल पर अपलोड किया जाए : मुख्यमंत्री
  • हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों पर शीघ्र ही धरातल पर कार्य आरम्भ करने की दिशा में सक्रिय रूप से करें कार्य

शिमला : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश सरकार के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि प्रदेश में निवेश के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों पर शीघ्र ही धरातल पर कार्य आरम्भ करने की दिशा में वे सक्रिय रूप से कार्य करें। वह आज यहां वैश्विक निवेशक सम्मेलन, 2019 के संदर्भ में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक प्रमुख व्यवसाय समूहों के साथ नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं ताकि कम्पनी को उनकी परियोजनाओं के लिए स्वीकृतियां प्रदान करने की प्रक्रिया में हो रही प्रगति पर निरंतर सम्पर्क रखा जा सके। इसके अतिरिक्त प्रस्तावित बड़ी परियोजनाओं के लिए भी विशेष समर्पित अधिकारी तैनात किए जाएं, जो विभिन्न स्वीकृतियों के बारे में जानकारी रख सकें। सरकारी और निजी भूमि को मिलाकर भूमि बैंक स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएं ताकि संभावित निवेशकों को उनकी मांग के अनुरूप शीघ्र भूमि उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हो तो भूमि बैंक के समुचित समन्वय के लिए भी नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अभी तक 92819 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से 89302 करोड़ रुपये के 610 समझौता ज्ञापनों को हिम प्रगति पोर्टल पर अपलोड किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी एम.ओ.यू. को इस पोर्टल पर अपलोड किया जाए क्योंकि समझौता ज्ञापनों की स्थिति जानने का यही एकमात्र माध्यम है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो नई नीतियां तैयार की है, उन्हें विभाग अधिसूचित करें ताकि निवेशकों को अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने में सरकार की ओर से दिए जा रहे प्रोत्साहनों का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन ऐजेंसी स्थापित करेंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 27 दिसम्बर, 2019 को प्रदेश सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरे होने के अवसर पर होने वाले समारोह से पूर्व 10 हजार करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं पर कार्य आरम्भ हो जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशी प्रतिनिधियों के साथ समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि वे अपनी परियोजनाओं के प्रस्तावों को प्रदान की जानी वाली विभिन्न स्वीकृतियों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को पर्यावरण स्वीकृतियों और धारा 118 की स्थिति के बारे में भी साप्ताहिक रिपोर्ट देने के लिए कहा। इसके अलावा उन्होंने परियोजनाओं के लिए सरकारी भूमि को चिन्हित करने और बी2जी बैठकों की नियमित समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल खाची, राम सुभग सिंह, संजय गुप्ता और आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, जगदीश शर्मा और के.के. पंत, सचिव देवेश कुमार, सी.पालरासु और अमिताभ अवस्थी, निदेशक पर्यटन युनूस, निदेशक शहरी विकास ललित जैन, निदेशक आयुर्वेद डी.के. रतन, विशेष सचिव कृषि राकेश कंवर, विशेष सचिव उद्योग आबिद हुसेन सादिक, पर्यटन निगम की प्रबन्ध निदेशक कुमुद सिंह, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी ने मुख्यमंत्री को आश्वत किया कि वांछित परिणामों को प्राप्त करने के लिए सभी अधिकारी पूरी निष्ठा व समर्पण से कार्य करेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार ने इन्वेस्टर मीट के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।

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